नौवीं, दसवीं, प्री प्राइमरी कक्षाओं और आदिवासी इलाकों के प्राइवेट स्कूलों तक योजना के विस्तार पर मशक्कत
केंद्र सरकार मध्यान्ह भोजन योजना (मिड डे मील) का दायरा आठवीं के बाद दसवीं कक्षा तक और प्राइमरी के पहले प्री प्राइमरी कक्षाओं तक बढ़ाने के प्रस्ताव को लेकर गंभीर नजर आ रही है। अभी यह योजना पहली से आठवीं कक्षा तक ही है।
पांच राज्यों में आसन्न चुनाव को देखते हुए सरकार आदिवासी बहुल जिलों में मध्यान्ह भोजन योजना को निजी व गैर सहायता प्राप्त स्कूलों तक पहुंचाने का प्रस्ताव भी जल्द परवान चढ़ते देखना चाहती है। लिहाजा इस योजना पर संभावित भारी भरकम खर्च के लिए योजना आयोग को राजी करने की जद्दोजहद सरकार के कई महकमे कर रहे हैं। उप समूह की सिफारिशों के आधार पर इन सभी प्रस्तावों को योजना आयोग के पास भेजा गया है। आयोग इस पर विचार विमर्श कर रहा है।
बारहवीं योजना के लिए इन प्रस्तावों पर जल्द ही फैसला किया जाना है। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए बारहवीं योजना में डेढ़ लाख करोड़ रुपए की राशि खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। सरकार योजना आयोग के संभावित वित्तीय पेंच को ध्यान में रखकर बीच का रास्ता तलाशने में जुटी है।
पांच राज्यों में आसन्न चुनाव को देखते हुए सरकार आदिवासी बहुल जिलों में मध्यान्ह भोजन योजना को निजी व गैर सहायता प्राप्त स्कूलों तक पहुंचाने का प्रस्ताव भी जल्द परवान चढ़ते देखना चाहती है। लिहाजा इस योजना पर संभावित भारी भरकम खर्च के लिए योजना आयोग को राजी करने की जद्दोजहद सरकार के कई महकमे कर रहे हैं। उप समूह की सिफारिशों के आधार पर इन सभी प्रस्तावों को योजना आयोग के पास भेजा गया है। आयोग इस पर विचार विमर्श कर रहा है।
बारहवीं योजना के लिए इन प्रस्तावों पर जल्द ही फैसला किया जाना है। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए बारहवीं योजना में डेढ़ लाख करोड़ रुपए की राशि खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। सरकार योजना आयोग के संभावित वित्तीय पेंच को ध्यान में रखकर बीच का रास्ता तलाशने में जुटी है।