सिवानीमंडी, 14 अक्तूबर (निस)। सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए बनने वाले मिड डे मील पर अब सरकारी कैमरों की नजर रहेगी और इसकी कमान स्कूलों के इंचार्ज की नहीं बल्कि खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी के पास होगी, जिसकी शुरूआत सिवानी के कन्या प्राथमिक स्कूल से हो गई है।
इस कर्मचारी को एक सप्ताह में दस स्कूलों का निरीक्षण कर मिड डे मील की पूरी जानकारी जिला कार्यालय को भेजनी होगी। मिड डे मील में किसी प्रकार की खामी पाई जाती है तो अब सीधे रूप से खंड शिक्षा अधिकारी जिम्मेवार होंगे।
शिक्षा विभाग ने मिड डे मिल को बेहद सुचारू बनाने के लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय को कैमरे मुहैया करवाए हैं। भिवानी जिला के सभी दस ब्लाकों में ये कैमरे जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी बीरबल चौधरी ने अपने हाथों से सौंपे हैं। शिक्षा विभाग ने बीईओ को साफ शब्दों में आदेश दिए हैं कि जिस कर्मचारी की नियुक्ति मिड डे मील की निगरानी पर लगाई गई है उसको सप्ताह में कम से कम दस फोटो जिला कार्यालय को रिपोर्ट सहित मेल करने होंगे। स्कूलों में अपनी मर्जी से मीनू बनाने वाले मुखियाओं पर भी कैमरे की नजर रहेगी। यानी अब मिड डे मील में कम सामग्री, घटिया सामग्री व कोताही बरतने का कोई खाना नहीं बचा है।
इस बारे में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी बीरबल चौधरी ने बताया कि शिक्षा विभाग के आदेश पर इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए सभी ब्लाकों में खंड शिक्षा अधिकारियों को कैमरे दे दिए हैं और इसी महीने से इस पर काम शुरू हो जाएगा।
इस कर्मचारी को एक सप्ताह में दस स्कूलों का निरीक्षण कर मिड डे मील की पूरी जानकारी जिला कार्यालय को भेजनी होगी। मिड डे मील में किसी प्रकार की खामी पाई जाती है तो अब सीधे रूप से खंड शिक्षा अधिकारी जिम्मेवार होंगे।
शिक्षा विभाग ने मिड डे मिल को बेहद सुचारू बनाने के लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय को कैमरे मुहैया करवाए हैं। भिवानी जिला के सभी दस ब्लाकों में ये कैमरे जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी बीरबल चौधरी ने अपने हाथों से सौंपे हैं। शिक्षा विभाग ने बीईओ को साफ शब्दों में आदेश दिए हैं कि जिस कर्मचारी की नियुक्ति मिड डे मील की निगरानी पर लगाई गई है उसको सप्ताह में कम से कम दस फोटो जिला कार्यालय को रिपोर्ट सहित मेल करने होंगे। स्कूलों में अपनी मर्जी से मीनू बनाने वाले मुखियाओं पर भी कैमरे की नजर रहेगी। यानी अब मिड डे मील में कम सामग्री, घटिया सामग्री व कोताही बरतने का कोई खाना नहीं बचा है।
इस बारे में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी बीरबल चौधरी ने बताया कि शिक्षा विभाग के आदेश पर इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए सभी ब्लाकों में खंड शिक्षा अधिकारियों को कैमरे दे दिए हैं और इसी महीने से इस पर काम शुरू हो जाएगा।