नई दिल्ली, विभूति कुमार रस्तोगी : राजधानी के दो हजार मान्यता प्राप्त पब्लिक स्कूलों में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें भी वे सभी सुविधाएं, भत्ते, छात्रवृत्ति, किताबों के रुपये आदि मिलेंगे, जो अब तक सिर्फ सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ही मिलते रहे हैं। दिल्ली सरकार ने इस बाबत शिक्षा निदेशालय को आदेश जारी कर दिया है। इसके आधार पर शिक्षा निदेशालय ने राजधानी के सभी पब्लिक स्कूलों को सर्कुलर भेजा है कि वे अपने यहां पढ़ने वाले एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक बच्चों की सूची जल्द निदेशालय के साथ-साथ एससी, एसटी और ओबीसी आयोग के अलावा दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग को उपलब्ध करवाएं जिससे उन्हें सुविधाओं का लाभ दिया जा सके। शिक्षा निदेशालय के उप निदेशक (प्लानिंग) बीएल यादव ने इस बाबत सर्कुलर जारी करते हुए पब्लिक स्कूलों से कहा कि वे किसी भी तरह सूची जल्द तैयार कर भेजें। उन्होंने यहां तक कहा कि जब उनके पास से एक पैसा नहीं लगने जा रहा है तो सूची भेजने में दिक्कत किस बात की होगी। सरकार पब्लिक स्कूलों से इस बाबत कुछ भी नहीं लेगी। इससे पब्लिक स्कूलों में पढ़ने वाले उन आरक्षित श्रेणी के बच्चों को बड़ी राहत मिलेगी जो पब्लिक स्कूलों के 15 फीसदी गरीबी कोटे में पढ़ रहे हैं। पब्लिक स्कूल वाले केवल फीस माफ करते हैं बाकि यूनिफार्म, किताब आदि के पैसे वसूलते हैं जिससे गरीबी कोटे में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को बड़ी दिक्कत होती है। दरअसल एससी, एसटी, ओबीसी आयोग के अलावा अल्पसंख्यक आयोग के पास इन आरक्षित श्रेणियों के बच्चों के लिए फंड सरकार देती है। लेकिन अभी तक इसका उपयोग केवल सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे ही करते थे। सरकारी स्कूलों के ऐसे बच्चों को सरकार किताब, यूनिफार्म, जूते आदि के एक मुश्त पैसे का भुगतान करती है और इन आरक्षित श्रेणियों के बच्चों को एक साल की बड़ी छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है।