Thursday 15 September 2011

अब खुल नहीं पाएंगें फर्जी मेडिकल कॉलेज

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली मेडिकल कालेज में कमरों से लेकर उपकरणों तक की स्थिति अब सिर्फ कागजों में ही नहीं वीडियो में दर्ज होगी। किसी भी नए कालेज या पुराने कालेज के नए कोर्स को मान्यता मिलने से पहले उसकी सारी सुविधाओं की वीडियो रिकार्डिग करवाई जाएगी। मेडिकल शिक्षा में पारदर्शिता के लिए मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआइ) जल्दी ही ऐसे कई फैसले करने जा रहा है। एमसीआइ पर लगातार लगते भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच इसने फैसला किया है कि अब कालेजों के निरीक्षण की प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी बनाया जाए। इसके तहत पूरी निरीक्षण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करवाए जाने को जरूरी किया जाएगा। यानी अब एमसीआइ की निरीक्षण रिपोर्ट में सिर्फ तीन निरीक्षक ही नहीं होंगे। बल्कि उनके साथ एक वीडियोग्राफी टीम भी होगी। यह कागज पर किए गए हर दावे की फिल्म तैयार करेगा। सूत्रों के मुताबिक इसके अलावा भी कई बदलाव होने वाले हैं। निरीक्षण दल में अभी सिर्फ एमसीआइ की ओर से चुने गए निरीक्षक होते हैं। लेकिन अब इसमें स्थानीय प्रशासन और विश्वविद्यालय के भी प्रतिनिधि शामिल किए जाएंगे। स्थानीय प्रशासन की ओर से जिलाधिकारी एक प्रतिनिधि का प्रस्ताव करेगा। साथ ही कालेज जिस विश्वविद्यालय से संबद्ध है, उसकी ओर से भी एक विशेषज्ञ को साथ लिया जाएगा। ये विशेषज्ञ स्वतंत्र रूप से अपनी रिपोर्ट देंगे। इस तरह अब कालेज की निरीक्षण रिपोर्ट में इन दो स्वतंत्र विशेषज्ञों की रिपोर्ट और साथ ही वीडियो भी नत्थी किया जाएगा। इस समय एमसीआइ की निरीक्षण प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन भविष्य में किसी तरह की शिकायत या विवाद की स्थिति में इस वीडियो को साक्ष्य के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके अलावा निरीक्षण के दौरान भरे जाने वाले मूल्यांकन फार्म को भी बदल कर ज्यादा व्यवहारिक बनाया जा रहा है। साथ ही कॉलेजों को अपनी वेबसाइट पर सारी सुविधाओं के अलावा सभी अध्यापकों के नाम देने को कहा जाएगा। कालेज से जुड़े अस्पताल में मरीजों की संख्या भी लगातार इस पर उपलब्ध करवानी होगी। इन योजनाओं को प्रभावकारी रूप से लागू करवाने पर कालेजों के साथ ही मेडिकल काउंसिल की मनमानी पर भी अंकुश लग सकेगा।
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