चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : छात्रों के मूल प्रमाणपत्र रोकने और फीस संबंधी शिकायतों पर राज्य तकनीकी शिक्षा निदेशालय ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। निदेशक ने बुधवार को स्पष्ट कहा है कि किसी भी संस्थान और विश्वविद्यालय को किसी का मूल प्रमाणपत्र रोकने की अनुमति नहीं है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा अनुमोदित कोर्स कराने वाले सभी कॉलेज मैनेजमेंट, ट्रस्ट, सोसायटी एवं संस्थानों के लिए बुधवार को जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि छात्र यदि कोर्स शुरू करने से पहले कॉलेज छोड़ता है तो वेटिंग लिस्ट उम्मीदवार को रिक्त सीट के तहत प्रवेश दिया जाएगा। छात्र से एकत्र की जाने वाली संपूर्ण फीस प्रोसेसिंग फीस से कटौती के बाद 1000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह फीस छात्र को संस्थान/ विश्वविद्यालय द्वारा प्रोग्राम छोड़ने से पहले लौटानी होगी। संस्थान मासिक फीस तथा अनुपातिक होस्टल रेंट की संतुलित कटौती सहित एकत्र फीस को वापस करेगा। निदेशालय ने कहा है कि निर्देशों का अनुपालन नहीं करने की स्थिति में सचिव व उप सचिव से पंचकूला मुख्यालय में शिकायत की जा सकेगी।