चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में पदक जीतने वाले प्रदेश के खिलाडि़यों पर बुधवार को सरकारी नौकरियों की बरसात कर दी। उन्होंने पांच पदक विजेता खिलाडि़यों को पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी), 18 को निरीक्षक (इंस्पेक्टर) और 14 खिलाडि़यों को उप निरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) बनाने की घोषणा की। बुधवार को हरियाणा सचिवालय में मुख्यमंत्री ने राज्य की खेल नीति में संशोधन की घोषणा की। उन्होंने बताया कि अब पदक विजेताओं को सरकारी नौकरी की गारंटी देने की व्यवस्था कर दी गई है। नई नीति के तहत ओलंपिक खेलों के पदक विजेताओं तथा एशियन खेलों के स्वर्ण विजेताओं को सरकारी विभाग तथा बोर्ड एवं निगमों में वर्ग-दो राजपत्रित अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। एशियन खेलों के रजत पदक एवं कांस्य पदक विजेताओं, राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण एवं रजत पदक तथा खेल महासंघों द्वारा आयोजित विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेताओं को वर्ग-तीन में नौकरियां दी जाएंगी। मुख्यमंत्री ने प्रोफेशनल एवं तकनीकी संस्थानों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए तीन प्रतिशत आरक्षण और हरियाणा खेल विकास फंड की स्थापना करने की भी घोषणा की है। इस कोष के लिए पांच करोड़ रुपये की समग्र निधि दी जाएगी। हुड्डा ने कहा कि खिलाडि़यों के लिए कोष में वृद्धि के लिए सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों और औद्योगिक घरानों का सहयोग भी लिया जाएगा। सरकार ने विभिन्न खेल नर्सरी एवं अकादमी के संचालन का दायित्व बोर्ड एवं निगमों को सौंपने का भी निर्णय लिया है। हुड्डा ने बताया कि राजीव गांधी ग्रामीण खेल परिसरों में 168 ग्राउंड मैनेजर तथा इतने ही ग्राउंड मैन की तुरंत प्रभाव से अनुबंध के आधार पर नियुक्तियां की जाएंगी। संवाददाता सम्मेलन के दौरान संसदीय कार्य एवं उद्योग मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला, खेल एवं युवा कार्यक्रम मंत्री सुखबीर कटारिया, सीएम के प्रधान सचिव छतर सिंह, राजनीतिक सलाहकार प्रो. वीरेंद्र, हरियाणा ओलंपिक संघ के प्रधान पीवी राठी, डा. केके खंडेलवाल तथा शिव रमन गौड़ मौजूद रहे।