Wednesday 27 July 2011

तकनीकी संस्थानों में नहीं पढ़ा सकेंगे डिस्टेंस की डिग्री वाले

शिव कुमार & भिवानी 
तकनीकी शिक्षा विभाग ने दूरस्थ शिक्षा (डिस्टेंस) से इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी की पढ़ाई करने वालों के लिए अपने दरवाजे बंद कर लिए हैं। अब तकनीकी संस्थानों में वही लेक्चरर लगेंगे जिन्होंने नियमित पढ़ाई की है। इससे विभिन्न यूनिवर्सिटी से दूरस्थ शिक्षा से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है। प्रदेश में एजुकेशन सोसायटी के अंडर में चल रहे विभिन्न राजकीय तकनीकी शिक्षण संस्थानों में 121 लेक्चरर प्रोग्रामर, 24 वर्कशाप इंस्ट्रक्टर लगाए जाने के लिए हाल ही में आवेदन मांगे हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 27 जुलाई है। तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से जारी अनिवार्य योग्यता में पहले डीम्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को अयोग्य करार दिया गया। ताजा फैसले में इसमें बदलाव कर अब किसी भी यूनिवर्सिटी से दूरस्थ शिक्षा से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को भी नकार दिया गया है। यानी दूरस्थ शिक्षा से कोर्स करने वाले विद्यार्थी तकनीकी शिक्षा विभाग में निकले लेक्चरर प्रोग्रामर व वर्कशाप इंस्ट्रक्टर के पदों के लिए आवेदन नहीं सकेंगे। आवेदन पत्रों में शैक्षणिक योग्यता में बदलाव के लिए चीफ सेक्रेटरी हरियाणा सरकार के 2009 में जारी पत्र का हवाला दिया गया है। शैक्षणिक योग्यता में बदलाव बारे राजकीय बहुतकनीकी संस्थान मानेसर के प्रिंसिपल की ओर से पत्र जारी किया गया है। इसकी सूचना तकनीकी शिक्षा बोर्ड हरियाणा की वेबसाइट पर भी दी गई है। कुछ वर्ष पूर्व तकनीकी संस्थानों में हुई भर्ती में दूरस्थ शिक्षा से पढ़ाई करने वाले अनेक युवा लेक्चरर व अन्य पदों पर लगे जो फिलहाल कार्य भी कर रहे हैं। एक पॉलीटेक्निक संस्थान के प्रिंसिपल ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एमसीए आदि कोर्स दूरस्थ शिक्षा से भी होते हैं और नियमित भी। प्रेक्टिकल वर्क भी दोनों में होता है। ऐसे में एक डिग्री को हां तथा दूसरी को ना क्यों।
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