डीएड में 800 से अधिक ने लिए दाखिले
गुड़गांव। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एससीईआरटी) में डिप्लोमा इन एजूकेशन (डीएड) दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहले दिन सामान्य वर्ग के करीब 1300 विद्यार्थी काउंसिलिंग में पहुंचे, जिनमें 800 से अधिक ने दाखिले लिए।
डीएड की 340 कॉलेजों की 19800 सीटों के लिए शनिवार से शुरू हुई काउंसिलिंग 30 जुलाई से 18 अगस्त तक चलेगी। पहले दिन सामान्य वर्ग के आर्ट संकाय के 459, विज्ञान संकाय के 414 और कॉमर्स संकाय के 418 विद्यार्थियों को बुलाया गया। तीनों संकाय के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई थी। प्रत्येक विद्यार्थी को दाखिला लेने से पहले तीन चरणों में प्रक्रिया को पूरा करना पड़ा। पहले चरण में आवेदन फार्म भराया गया। दूसरे चरण में सभी प्रमाण पत्रों और फोटो की जांच हुई। तीसरे व अंतिम चरण में विद्यार्थियों को कॉलेजों का आवंटन किया गया। समाचार लिखे जाने तक एससीईआरटी में काउंसिलिंग जारी थी। डीएड स्टेट को-ओर्डिनेटर अशोक यादव ने बताया कि कला संकाय में 315, विज्ञान संकाय में 190 और कॉमर्स संकाय में 295 विद्यार्थियों को दाखिला दिया जा चुका है।
विद्यार्थियों की समस्या को हल करने के लिए एससीईआरटी ने विशेष समिति का गठन किया है। इसमें आरएस धनखड़, एएस नेहरा, पीपी पाहुजा, केशव राय, अशोक यादव को रखा गया है। यह कमेटी विद्यार्थियों की उलझन का समाधान कर रही है। एएस नेहरा ने बताया कि काफी विद्यार्थी परसेंटज को लेकर परेशान थे। उनकी समस्या हल की गई।
तीन कॉलेज हुए काउंसिलिंग से बाहर
एससीईआरटी ने काउंसिलिंग शुरू होने से पहले प्रदेश के तीन डीएड कॉलेजों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इनमें फतेहाबाद स्थित चौधरी हेतराम कॉलेज ऑफ एजूकेशन, सोनीपत का किरोड़ीमल कॉलेज ऑफ एजूकेशन और कुंडली स्थित भगवान महावीर कॉलेज ऑफ एजूकेशन शामिल हैं। बताया जाता है कि भगवान महावीर कॉलेज अल्पसंख्यक कॉलेज होने के कारण अपनी काउंसिलिंग खुद कराने का आदेश ले आया है। बाकी दोनों कॉलेज तय जगह पर नहीं चल रहे थे।
हरियाणा बोर्ड के अफसरों की गलती
बोर्ड अधिकारियों की ओर से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को ग्रांड टोटल की जगह जीपीए दिया गया है। ऐसे में अधिकतर विद्यार्थी बोर्ड से मिले जीपीए (9.6) को 96 मानकर आवेदन कर बैठे हैं। इस कारण उनके आवेदन रद्द हो गए। 12वीं कक्षा में सीसीई पद्धति लागू ही नहीं की गई है। डीएड के आवेदकों की सूची ऑनलाइन हो गई है। पूरे प्रदेश में 7731 विद्यार्थियों के आवेदन गलत जानकारी देने के आधार पर निरस्त किए गए हैं।