Sunday 31 July 2011

एचपीएससी-एचएसएससी पर नहीं रहेगा काम का बोझ

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : शिक्षकों की भर्तियों के लिए नया बोर्ड बनाने के फैसले से हरियाणा लोक सेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पास कम काम रह जाएगा। फिलहाल बेशक उक्त एजेंसियां कई विभागों की भर्ती में मसरूफ हैं पर धीरे-धीरे इन दोनों भर्ती एजेंसियों के पास ज्यादा काम नहीं रह जाएगा। असल में शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर भर्तियां होती हैं। शिक्षकों को नियुक्त करने के लिए बनाए जाने वाले चयन बोर्ड में काम को लेकर हड़कंप मचेगा क्योंकि शिक्षा विभाग में काफी पद रिक्त हैं। शिक्षा विभाग में 29 हजार 604 रिक्त पदों में से 20884 शैक्षिक और 8720 गैर शैक्षिक पद हैं। शैक्षिक पदों में 5660 जेबीटी अध्यापक, 4343 सी एंड वी अध्यापक, 5624 मास्टर, 4076 लेक्चरर, 801 हेड मास्टर और 380 प्रिंसिपल के पद शामिल हैं। इन पदों के लिए बेरोजगार आवेदक भी काफी मैदान में हैं। राज्य में इस समय 400 बीएड कालेज हैं जहां से हर साल बीएड पास बेरोजगारों अध्यापक नियुक्त होने वालों की लाइन में लग जाते हैं। शिक्षा विभाग के अलावा पुलिस कांस्टेबल और डाक्टरों की भर्तियां भी पहेल से एचपीसीसी और एचएसएससी के दायरे से पहले से ही बाहर हैं। इससे शिक्षकों की भर्ती के लिए चयन बोर्ड बनाने के फैसले से इन एजेंसियों के पास काम और कम हो जाएगा। कर्मचारी चयन आयोग के सचिव पीडी वर्मा का कहना है कि बिजली और स्वास्थ्य विभाग जैसे कई बड़े विभागों की भर्ती कर्मचारी चयन आयोग को ही करनी है, इसलिए हमारे पास काम की कमी नहीं रहेगी। अगले डेढ़- दो साल तक तो लगातार हमारे पास काम है। शिक्षा विभाग की भर्ती के लिए नई एजेंसी बनने से लेक्चरर के पद की भर्ती अब हरियाणा लोकसेवा आयोग के दायरे से बाहर हो जाएगी।
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