नई दिल्ली, जासं : उच्च न्यायालय ने दिल्ली में विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों के वर्कर व हेल्परों की वेतन बढ़ाने संबंधी याचिका खारिज कर दी है। याचिका में वर्कर को प्राइमरी टीचर व हेल्पर को चपरासी या आया के बराबर वेतन देने की मांग की गई थी। इन लोगों ने मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के उस ऑफर को स्वीकार करने से भी मना कर दिया था, जिसमें सरकार ने इनका वेतन बढ़ाने की बात कही थी। उच्च न्यायालय ने कहा कि इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि ये सभी लोग सरकार की योजना को जमीनी स्तर पर लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। लेकिन न तो इनके लिए कोई सिविल पद बनाया गया और न ही इनकी नियुक्ति किसी नियुक्ति नियम के तहत की गई है, जो इनको संवैधानिक सुरक्षा प्रदान कर सके। दिल्ली सरकार ने इनके प्रति संवेदनशील रवैया अपनाते हुए मार्च 2011 में इनका वेतन बढ़ाने की बात कही थी, जिसमें आंगनबाड़ी वर्कर को 2500 की बजाय चार हजार रुपये प्रतिमाह और हेल्पर को 1250 रुपये की बजाय दो हजार रुपये देने की बात कही थी। लेकिन याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वे अपनी मांगों से समझौता नहीं करेंगे। ऐसे में सरकार ने साफ कर दिया था कि अगर वे केस हार गए तो उनको बढ़ा हुआ वेतन नहीं दिया जाएगा। अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर मांग की थी कि उनके वर्कर को प्राइमरी टीचर व हेल्पर को चपरासी के बराबर वेतन दिया जाए व इन कर्मचारियों को मिलने वाले अन्य लाभ दिए जाए।