Sunday, 12 June 2011

सर्विस बुक में दर्ज जानकारी व्यक्तिगत नहीं

मनीषा खत्री, नई दिल्ली एक सरकारी कर्मचारी की सर्विस बुक में दर्ज जानकारी व्यक्तिगत नहीं है। यह कहते हुए तीस हजारी कोर्ट स्थित उत्तरी जिले की अपीलिएट अथॉरिटी ने संजय चिरपाल नाम के व्यक्ति की उस अर्जी को मंजूर कर लिया है, जिसमें उसने एक कोर्ट कर्मी के सर्विस रिकार्ड से संबंधित जानकारी मांगी थी। साथ ही जिले के जनसूचना अधिकारी को निर्देश दिया है कि वह संजय द्वारा मांगी गई सूचनाएं उसे उपलब्ध कराए। संजय ने जनसूचना अधिकारी के सात मई के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसने तीस हजारी कोर्ट में तैनात एक स्टेनो के सर्विस रिकार्ड से संबंधित सूचना देने से मना कर दिया था। अधिकारी का कहना था कि ये सूचनाएं व्यक्तिगत हैं और इनको सूचना के अधिकार की धारा 8 (जे) के तहत छूट प्राप्त है। संजय ने इस आदेश को अपीलिएट अथॉरिटी के समक्ष चुनौती दी थी और कहा था कि सरकारी कर्मचारी का सर्विस रिकार्ड पब्लिक डोमेन में आता है। इसलिए उसे देने से मना नहीं किया जा सकता है। अपीलिएट अथॉरिटी की जज ने केंद्रीय सूचना आयोग के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जब एक सरकारी कर्मचारी की सर्विस का विवरण उसकी सर्विस बुक में दर्ज हो जाता है तो उसे व्यक्तिगत सूचना नहीं माना जा सकता है। इसलिए संजय द्वारा मांगी गई सूचनाएं उसे दी जाएं, बशर्ते जो सूचनाएं व्यक्तिगत मानी जाती हो या जिनको नियमों के तहत छूट प्राप्त हो, उनका खुलासा न किया जाए। संजय चिरपाल ने एक आरटीआइ दायर कर उत्तरी जिले के तिमारपुर थाने के मामलों की सुनवाई करने वाले एक महानगर दंडाधिकारी के यहां काम कर रहे स्टेनो का सर्विस रिकार्ड मांगा था।
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