जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली
मानव संसाधन मंत्रालय के राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा नीति पर तैयार मसौदा प्रपत्र को शिक्षा मंत्रियों के समूह ने सोमवार की बैठक में खारिज कर दिया। अब 6 जून को होने वाली बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा। कला, विज्ञान और वाणिज्य की तरह व्यावसायिक शिक्षा की अलग से पढ़ाई के लिए मंत्रालय एक राष्ट्रीय नीति तैयार करा रहा है। विज्ञान भवन में शिक्षा मंत्रियों के समूह की सोमवार को हुई बैठक में उम्मीद लगाई जा रही थी कि प्रारूप पर सहमति बन जाएगी और अगले हफ्ते होने वाली शिक्षा मंत्रियों की बैठक और 8 जून को राष्ट्रीय शिक्षा सलाहकार परिषद की बैठक में इसको मंजूरी मिल जाएगी। सूत्रों के अनुसार आज की बैठक में बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा और मिजोरम के शिक्षा मंत्रियों ने भाग लिया। मंत्रालय से तैयार कराए गए प्रारूप को मंत्रियों के समूह ने यह कहते हुये खारिज कर दिया कि वर्टिकल ग्रेडेशन को स्वीकार करने हेतु प्रारूप में कानूनी प्रावधान नहीं किए गए हैं। विश्वविद्यालय संवैधानिक निकाय है। यह जरूरी नहीं कि सरकार की ग्रेडिंग को वह मान ही ले। बिहार के शिक्षा मंत्री पीके शाही को समूह का अध्यक्ष मानते हुए अगली बैठक में इन कानूनी पहलुओं पर विचार करने का फैसला हुआ। ग्लोबलाइजेशन, प्रतिस्पर्धा और ज्ञान पर आधारित अर्थव्यवस्था की मांग को देखते हुए भारत सरकार ने विश्व बैक की दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र की ह्यूमन डेवलपमेंट यूनिट से 2006 में व्यावसायिक शिक्षा पर एक रिपोर्ट तैयार कराई थी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही केंद्र ने विजन डाक्यूमेंट, 2020 तैयार किया है जिसमें देश के पचास करोड़ लोगों को स्किल्ड करने का जो लक्ष्य है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय पिछले एक साल से राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा नीति तैयार करने में लगा है। बिहार,महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, हरियाणा, असम और मिजोरम के शिक्षा मंत्रियों का इसके लिए एक समूह बना दिया है। राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा नीति को मंजूर कर लिए जाने के बाद देश में अब कक्षा नौ से व्यावसायिक शिक्षा का बकायदा पाठ्यक्रम चलाया जाएगा और इसमें स्किल के अनुसार छात्रों को स्नातक, स्नातकोत्तर और डाक्टरेट की डिग्री भी दी जाएगी। शिक्षा को रोजगार से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार की यह नई पहल है। बिहार के मानव संसाधन मंत्री पी के शाही ने कहा कि बिहार ने पहले ही व्यावसायिक शिक्षा और स्किल्ड डेवलपमेंट के लिए स्टेट ओपन स्कूल स्थापित कर दिया है। इसमें नौजवानों को उद्योग धंधे के लिए प्रशिक्षित करने का कार्यक्रम चलाया जाएगा। नेशनल स्किल डेवलपमेंट कारपोरेशन के सहयोग से बिहार में व्यावसायिक शिक्षा का कार्यक्रम शुरू होने जा रहा हैं।