बठिंडा : टीचर एलीजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) के खिलाफ सड़कों पर उतरे अध्यापकों की मंगलवार को दिन भर धरपकड़ चलती रही। बेरोजगार अध्यापकों ने जगह-जगह रैलियां निकालीं और चप्पे-चप्पे पर तैनात पुलिस के साथ इनका लुकाछिपी का खेल कई घंटे चला। शहर की मुख्य सड़कों पर इस दौरान तीन बार जाम लगा और 375 अध्यापक-अध्यापिकाएं हिरासत में लिए गए। डीएसपी बलजीत सिंह की शिकायत पर 150 अध्यापकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 107 व 151 के तहत केस दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है। बेरोजगार ईटीटी अध्यापक फ्रंट, बेरोजगार बीएड अध्यापक फ्रंट, बेरोजगार डीपीएड एमपीएड यूनियन, बेरोजगार पीटीआई यूनियन व बेरोजगार आर्ट एंड क्राफ्ट यूनियन के आ ान पर टीईटी रद करवाने के लिए बठिंडा में प्रदेश स्तरीय चक्का जाम व धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया गया था। राज्य भर से अध्यापक ग्रुपों में निर्धारित स्थल टीचर्स होम की ओर बढ़े। प्रदर्शन रोकने के लिए शहर की सीमाएं सील थी और चारों ओर पुलिस व कमांडो तैनात थे। कड़ी सुरक्षा को धत्ता बताते हुए अध्यापक दो-दो करके टीचर्स होम में जमा हुए। इनकी ताक में नाका लगाए लगाए बैठी पुलिस ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते 60 बेरोजगार अध्यापकों को हिरासत में लिया। वहीं कोटकपूरा से आने वाली ट्रेन से उतरे दर्जनों बेरोजगार अध्यापक सरहिंद नहर पर इकट्ठा हो गए और जाम लगा दिया। पुलिस ने उन्हें घसीटते हुए गाडि़यों में डाल दिया। अध्यापकों के रोष प्रदर्शन की कार्रवाई भुच्चो मंडी, भगता भाईका, रामपुरा, कोटशमीर में भी चली। विभिन्न जगहों से 375 बेरोजगार अध्यापक हिरासत में लिए गए। अध्यापकों ने हिरासत के दौरान ही दयालपुरा भगता भाई थाना में जमकर नारेबाजी की।