भिवानी, मुख्य संवाददाता : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा पर संशय बरकरार है। हरियाणा सरकार ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय से शिक्षक पात्रता परीक्षा की राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता के लिए मसौदा भेजा था। उस पर मंत्रालय ने प्रथम दृष्टि से तो सहमति की मोहर लगा दी है, लेकिन इसकी लिखित सूचना प्रदेश सरकार को नहीं मिली है। ऐसे में हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एचटीईटी) का आयोजन जुलाई से पहले किए जाने की संभावना क्षीण होती आ रही है। शिक्षा विभाग ने मानव संसाधन मंत्रालय को भेज मसौदे में पात्रता उम्मीदवारों को राहत दी थी कि उन्हें नेगेटिव मार्किग का सामना नहीं करना पड़ेगा। इससे पहले हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित स्टेट (राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा) में नेगेटिव मार्किग थी। पहले उत्तीर्ण के लिए 50 फीसदी अंक दिए गए थे, मगर अब नेगेटिव मार्किग को समाप्त कर 60 प्रतिशत अंक हासिल करना आवश्यक किया गया है। इसी प्रकार की शर्त देश के अन्य प्रदेशों में होनी वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा में भी लागू है। प्रदेश में दिसंबर 2009 के बाद किसी भी अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव शेखर विद्यार्थी का कहना है कि उनके पास परीक्षा के आयोजन का मसौदा पूरी तरह से तैयार है, जब भी सरकार की ओर से परीक्षा करवाने के लिए हरी झंडी मिल जाएगी तो दस दिन की समयावधि में प्रोस्पेक्टस छपवाकर तैयार हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि बोर्ड ने प्रोस्पेक्टस छपवाने के लिए लिए विभिन्न फर्मो से टेंडर मानकर उन्हें फाइनल भी कर लिया है। देरी है तो केवल आदेश मिलने की। पिछले दिनों प्रदेश सरकार द्वारा न्यायालय में शपथ पत्र देकर यह वादा किया था कि शीघ्र ही अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया जाएगा और बेरोजगार अध्यापकों को रोजगार देने का मार्ग प्रशस्त होगा। सेकेंडरी शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव तथा हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की अध्यक्ष सुरीना राजन की मानव संसाधन मंत्रालय में शिक्षा सचिव के साथ इस बारे में अहम बैठक हो चुकी है।