ग्यारसपुर. स्कूलों में अब शिक्षक भी ड्रेस पहनकर पहुंचेंगे। यह सुनकर आपको सहज ही विश्वास नहीं होगा लेकिन ग्यारसपुर विकासखंड के 274 शासकीय स्कूलों में ऐसा होने जा रहा है। इन स्कूलों के 745 शिक्षक अब छात्र-छात्राओं के साथ ड्रेस पहनकर स्कूल पहुंचेंगे।
इसमें भी खास बात यह है कि ड्रेस कोड लागू करने का आदेश शिक्षा विभाग ने जारी नहीं किया है बल्कि 18 जनशिक्षा केंद्रों पर आयोजित बैठकों के दौरान शिक्षक-शिक्षिकाओं ने स्वप्रेरणा से लिया है। ड्रेस कोड अगले शिक्षा सत्र से लागू हो जाएगा।
ड्रेस कोड के अनुसार पुरुष शिक्षक काली पैंट और सफेद शर्ट पहनेंगे, जबकि महिला शिक्षिकाएं परपल कलर की साड़ी या सलवार सूट पहनेंगी। इस निर्णय से सभी शिक्षक तथा शिक्षिकाएं सहमत हैं।
निर्णय को मिली सराहना : शिक्षकों द्वारा स्वयं ड्रेस कोड लागू करने के निर्णय का आम तौर पर स्वागत हुआ है। ग्यारसपुर बीआरसी लक्ष्मण सिंह यादव का कहना है कि यहां के शिक्षक प्रदेश में अपनी अलग पहचान बनाकर अपने विकासखंड को शिक्षा के क्षेत्र में कुछ अलग करने की चाहत रखते हुए
कार्य करना चाहते हैं। यह निर्णय इसी तारतम्य में लिया गया है। जनपद अध्यक्ष छत्रपाल शर्मा के अनुसार ग्यारसपुर प्रदेश का पहला विकासखंड होगा जहां छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षक भी ड्रेस में होंगे। इससे ऊंच-नीच या अमीरी- गरीबी का भेदभाव खत्म होकर आपसी सामंजस्य बढ़ेगा।
उत्कृष्ट हासे स्कूल ग्यारसपुर के प्राचार्य आरपी गुप्ता के अनुसार शिक्षकों का यह कार्य प्रशंसनीय है, इसके साथ ही शिक्षक अपनी मानसिकता में बदलाव लाकर बच्चों की पढ़ाई पर भी ज्यादा जोर दे।
..तो पूरे जिले में लागू करेंगे
यह एक अच्छा निर्णय है। ऐसा करने के वरिष्ठ कार्यालय से कोई निर्देश नहीं है, लेकिन लागू होने से नुकसान भी नहीं है। इससे बच्चों पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा तथा अनुशासन की भावना बढ़ेगी। ब्लाक से मिलने वाले परिणामों के बाद इसे आम सहमति बनाकर जिले भर में लागू करने का निर्णय लिया जा सकता है।
मनीष वर्मा,जिला शिक्षाधिकारी,विदिशा
इसमें भी खास बात यह है कि ड्रेस कोड लागू करने का आदेश शिक्षा विभाग ने जारी नहीं किया है बल्कि 18 जनशिक्षा केंद्रों पर आयोजित बैठकों के दौरान शिक्षक-शिक्षिकाओं ने स्वप्रेरणा से लिया है। ड्रेस कोड अगले शिक्षा सत्र से लागू हो जाएगा।
ड्रेस कोड के अनुसार पुरुष शिक्षक काली पैंट और सफेद शर्ट पहनेंगे, जबकि महिला शिक्षिकाएं परपल कलर की साड़ी या सलवार सूट पहनेंगी। इस निर्णय से सभी शिक्षक तथा शिक्षिकाएं सहमत हैं।
निर्णय को मिली सराहना : शिक्षकों द्वारा स्वयं ड्रेस कोड लागू करने के निर्णय का आम तौर पर स्वागत हुआ है। ग्यारसपुर बीआरसी लक्ष्मण सिंह यादव का कहना है कि यहां के शिक्षक प्रदेश में अपनी अलग पहचान बनाकर अपने विकासखंड को शिक्षा के क्षेत्र में कुछ अलग करने की चाहत रखते हुए
कार्य करना चाहते हैं। यह निर्णय इसी तारतम्य में लिया गया है। जनपद अध्यक्ष छत्रपाल शर्मा के अनुसार ग्यारसपुर प्रदेश का पहला विकासखंड होगा जहां छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षक भी ड्रेस में होंगे। इससे ऊंच-नीच या अमीरी- गरीबी का भेदभाव खत्म होकर आपसी सामंजस्य बढ़ेगा।
उत्कृष्ट हासे स्कूल ग्यारसपुर के प्राचार्य आरपी गुप्ता के अनुसार शिक्षकों का यह कार्य प्रशंसनीय है, इसके साथ ही शिक्षक अपनी मानसिकता में बदलाव लाकर बच्चों की पढ़ाई पर भी ज्यादा जोर दे।
..तो पूरे जिले में लागू करेंगे
यह एक अच्छा निर्णय है। ऐसा करने के वरिष्ठ कार्यालय से कोई निर्देश नहीं है, लेकिन लागू होने से नुकसान भी नहीं है। इससे बच्चों पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा तथा अनुशासन की भावना बढ़ेगी। ब्लाक से मिलने वाले परिणामों के बाद इसे आम सहमति बनाकर जिले भर में लागू करने का निर्णय लिया जा सकता है।
मनीष वर्मा,जिला शिक्षाधिकारी,विदिशा