Tuesday, 24 May 2011

बेटियों ने फिर बाजी मारी, रिजल्ट में उछाल

जागरण संवाददाता
नई दिल्ली सीबीएसई ने सोमवार को पटना जोन को छोड़कर सभी जोन के बारहवीं बोर्ड के नतीजों का एलान कर दिया है। इस साल देशभर के कुल नतीजों में डेढ़ फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी आई है। इसके साथ ही लड़कों और लड़कियों के अलग-अलग पास प्रतिशत में भी करीब दो फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बीते छह सालों की तरह इस साल भी बेटियों ने बेटों को काफी पीछे छोड़ कर एक बार फिर अपना जलवा कायम रखा है। पूरे देश में बारहवीं का पास प्रतिशत इस साल 81.71 फीसदी रहा है। बीते साल यह आंकड़ा 79.87 ही रहा था। इस साल देश में 6 लाख 93 हजार 742 बच्चों ने 12वीं की परीक्षा दी थी। इस साल पुराने ढर्रे को ध्वस्त करते हुए इलाहाबाद जोन के छात्र से पूरे देश में टॉप किया है। कई सालों से देश का टॉपर चेन्नई जोन का छात्र बनता आ रहा था। गाजियाबाद के डीपीएस के छात्र द्रव्यांश शर्मा 98.6 फीसदी अंक (493 अंक) हासिल कर देश की टॉपर बन गया। छात्राओं का पास प्रतिशत 86.93 रहा। बीते साल यह आंकड़ा 85.28 रहा था। छात्रों का पास प्रतिशत 77.83 रहा, जबकि बीते साल यह आंकड़ा 75.90 था। लगातार पांचवी बार रिजल्ट के मामले में चेन्नई जोन फिर देश में अव्वल रहा है। चेन्नई का पास प्रतिशत 91.32 रहा है। दिल्ली जोन के रिजल्ट में इस साल भी सुधार रहा है। 85.45 फीसदी रिजल्ट के साथ वह बीते साल की तरह दूसरे स्थान पर कायम रहा। अजमेर तीसरे नंबर पर, भुवनेश्र्वर चौथे नंबर पर, पंचकुला 5वें नंबर पर, इलाहाबाद छठे नंबर पर और गुवाहाटी सातवें नंबर पर रहा। 12वीं के नतीजों में पब्लिक स्कूलों का पास प्रतिशत 81.63 फीसदी पहुंच गया। बीते साल यह 79.42 फीसदी तक ही रहा था। सरकारी स्कूलों के रिजल्ट में करीब 1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इस साल सरकारी स्कूल का पास फीसदी रहा 83.98, जबकि बीते साल इसका आंकड़ा 84.49 फीसदी तक रहा था। केंद्रीय स्कूल और जवाहर नवोदय विद्यालय के नतीजों में बेहतर सुधार हुआ है। केंद्रीय स्कूलों का पास फीसदी 93.38 रहा, जबकि बीते साल 91.13 फीसदी ही रहा था। जवाहर नवोदय विद्यालय का इस साल का पास प्रतिशत 96.89 फीसदी रहा, जबकि बीते साल 95.31 फीसदी ही रहा था। पत्राचार से परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं के नतीजे में इस बार चार फीसदी का उछाल आया। इस साल 45.41 फीसदी रिजल्ट रहा, जबकि बीते साल 41.99 फीसदी ही था। सबसे प्रतिभावान छात्र दिल्ली में : दिल्ली में पढ़ाई का ढांचा अन्य जगहों से बेहतर है। यही वजह है कि यहां के छात्र अधिक नंबर लाने में देश के अन्य क्षेत्रों से कहीं आगे हैं। सीबीएसई के बारहवीं कक्षा के रिजल्ट में 90 फीसदी और इससे ऊपर तथा 95 फीसदी और इससे ऊपर के छात्रों की संख्या दिल्ली में सबसे अधिक है। इलाहाबाद जोन में 90 फीसदी और 95 फीसदी लाने वाले बच्चों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है। राजधानी के स्कूलों में 2010 में 90 फीसदी लाने वाले बच्चों की संख्या थी 3928। इसमें इस साल दो हजार की बढ़ोतरी हुई है। इस साल यह आंकड़ा 6471 है। इनमें से छात्राओं कंी संख्या 3626 और छात्रों की संख्या 2845 है। बीते साल 95 फीसदी या उससे अधिक अंक हासिल करने वालों की संख्या कुल 288 ही थी। इस बार 818 तक पहुंच गई है। इनमें 315 छात्र और 503 छात्राएं हैं। दूसरी ओर सरकारी स्कलों के परीक्षा परिणाम में 1.38 फीसदी की गिरावट आने के बाद भी शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली परेशान नहीं हैं। उनका कहना है कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 15 हजार छात्रों के परीक्षा में शामिल होने से परिणाम प्रभावित नजर आ रहा है। उनका मानना है कि गिरावट की बजाए उल्टा सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हुआ है क्योंकि इस बार किसी भी सरकारी स्कूल का परीक्षा परिणाम 50 फीसदी से कम नहीं है।
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