भास्कर टीम,हरियाणा
काम की खातिर घर छोडऩे की समस्या विकराल है। सरकारी योजनाओं की नाकामी भी देखी। लेकिन समस्या सामने लाना हमारा मकसद नहीं है। लक्ष्य है बदलाव कैसे लाएं। इसलिए हमने सांसदों से बात की। चौंकाने वाला दृश्य सामने आया। रोजगार लाने में हमारे सांसद बेबस हैं। कुछ का कहना है कि युवा अधिक धन कमाने के चक्कर में पलायन करते हैं, जबकि कुछ ने कहा कि जब तक प्रदेश में शिक्षा और दक्षता के हिसाब से रोजगार नहीं मिलेंगे, पलायन होता रहेगा।
रोजगार सृजित करने के लिए मंथन जरूरी
रोजगार की तलाश में युवा महानगरों का रुख कर रहे हैं, परंतु हरियाणा की स्थिति दूसरे कई राज्यों जितनी खराब नहीं है। छोटा प्रदेश होने से विकास व रोजगार के यहां ज्यादा अवसर हैं। युवा अब स्वरोजगार नहीं नौकरी चाहता है। जिला और गांव स्तर पर रोजगार के साधन सृजित करने के लिए और ज्यादा मंथन किया जा सकता है। -श्रुति चौधरी, सांसद, भिवानी
धन दौलत के चक्कर में हो रहा पलायन
हरियाणा से युवा रोजगार के लिए बाहर नहीं जा रहे, बल्कि बाहर के लोग यहां आकर नौकरी करते हैं। केंद्र और राज्य सरकार की ओर से अनुसूचित जाति और जनजाति के युवाओं के स्वरोजगार के लिए सरकार ने विभिन्न योजनाएं चला रखी हैं। फिर भी यदि कोई माइग्रेशन कराता है तो वह काफी मात्रा में धन-दौलत कमाने के चक्कर में जाता हैं। -अशोक तंवर, सांसद, सिरसा
काम की खातिर घर छोडऩे की समस्या विकराल है। सरकारी योजनाओं की नाकामी भी देखी। लेकिन समस्या सामने लाना हमारा मकसद नहीं है। लक्ष्य है बदलाव कैसे लाएं। इसलिए हमने सांसदों से बात की। चौंकाने वाला दृश्य सामने आया। रोजगार लाने में हमारे सांसद बेबस हैं। कुछ का कहना है कि युवा अधिक धन कमाने के चक्कर में पलायन करते हैं, जबकि कुछ ने कहा कि जब तक प्रदेश में शिक्षा और दक्षता के हिसाब से रोजगार नहीं मिलेंगे, पलायन होता रहेगा।
सरकारी नौकरियों नीलाम हो रही हैं तो लोगों के पास पलायन के सिवा कोई रास्ता नहीं। उद्योगों को बिजली, पानी, यातायात और सुरक्षा चाहिए। इसे मुहैया कराने में प्रदेश सरकार विफल है। तभी मारुति उद्योग अपना नया प्लांट हरियाणा की बजाय गुजरात में लगा रहा है। जब तक लोगों की शिक्षा और दक्षता के हिसाब से प्रदेश में रोजगार स्थापित नहीं होंगे, पलायन नहीं रुकेगा। -रणबीर सिंह गंगवा, राज्यसभा सांसद |
रोजगार सृजित करने के लिए मंथन जरूरी
रोजगार की तलाश में युवा महानगरों का रुख कर रहे हैं, परंतु हरियाणा की स्थिति दूसरे कई राज्यों जितनी खराब नहीं है। छोटा प्रदेश होने से विकास व रोजगार के यहां ज्यादा अवसर हैं। युवा अब स्वरोजगार नहीं नौकरी चाहता है। जिला और गांव स्तर पर रोजगार के साधन सृजित करने के लिए और ज्यादा मंथन किया जा सकता है। -श्रुति चौधरी, सांसद, भिवानी
हरियाणा से युवा रोजगार के लिए बाहर नहीं जा रहे, बल्कि बाहर के लोग यहां आकर नौकरी करते हैं। केंद्र और राज्य सरकार की ओर से अनुसूचित जाति और जनजाति के युवाओं के स्वरोजगार के लिए सरकार ने विभिन्न योजनाएं चला रखी हैं। फिर भी यदि कोई माइग्रेशन कराता है तो वह काफी मात्रा में धन-दौलत कमाने के चक्कर में जाता हैं। -अशोक तंवर, सांसद, सिरसा
हरियाणा में उच्च शिक्षित युवाओं की बड़ी फौज है, मगर रोजगार के अभाव में दूसरे राज्यों में जाने को मजबूर हैं। प्रदेश सरकार बड़े उद्योगों को हरियाणा में लाने में नाकाम है। पलायन को रोकने के लिए सरकार को उद्योगों को उचित माहौल देना होगा। दूसरी तरफ प्रदेश में सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता का भी अभाव है। -कुलदीप बिश्नोई, सांसद, हिसार |