Sunday, 20 November 2011

बीएड की 7000 मार्कशीट गलत छापी, विद्यार्थियों से वापस ली जाएंगी

मदन कलाल. जयपुर 
जगद्गुरु रामानंदाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय ने शिक्षाशास्त्री (बीएड) की करीब सात हजार मार्कशीट गलत छपवाकर कॉलेजों के माध्यम से छात्र-छात्राओं में बांट दी, लेकिन अब गलती पकड़ में आने पर विश्वविद्यालय प्रशासन मार्कशीट दुबारा हासिल करने के लिए कॉलेजों के हाथ जोड़ रहा है। विवि के दबाव में कॉलेज संचालक भी विद्यार्थियों से मार्कशीट वापस देने के लिए गुहार लगा रहे हैं। दूसरी ओर, विश्वविद्यालय के अधिकारी एक-दूजे पर जिम्मेदारी डालते हुए पल्ला झाड़ रहे हैं। विश्वविद्यालय सभी मार्कशीट कब्जे में आने के बाद ही नई मार्कशीट जारी करेगा। यदि किसी विद्यार्थी ने मार्कशीट नहीं लौटाई तो इसका उपयोग भविष्य में उसके अलावा विश्वविद्यालय की भी परेशानी बढ़ा सकता है।

और बचते रहे अधिकारी

मार्कशीट में एजेंसी ने गलती छोड़ दी। कॉलेजों से मार्कशीट मंगवा रहे हैं। आप इस मामले में सहायक कुलसचिव से बात कीजिए।

-ओ.पी. गुप्ता, सेक्शन ऑफिसर

मैं कुछ बताने की स्थिति में नहीं हूं। आप एक्जाम कंट्रोलर से बात कर पूरे मामले पर जानकारी लें। -सुभाष शर्मा, असिस्टेंट रजिस्ट्रार

कॉलेजों ने शुरू की मार्कशीट लौटाने की प्रक्रिया

विश्वविद्यालय की चूक ने कई छात्रों के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा भी प्रभावित होगी।

- रतन भारद्वाज, वाइस प्रिंसीपल, संजय टीटी कॉलेज

विश्वविद्यालय ने मार्कशीट मांगी हैं। जल्द लौटाने की कार्रवाई कर रहे हैं। - प्रभा शर्मा, संचालक, प्रज्ञा टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज

स्थायी रजिस्ट्रार नहीं होने कामकाज प्रभावित: विश्वविद्यालय के पूर्व रजिस्ट्रार एच.एस. भारद्वाज का तबादला होने के चार माह बाद भी स्थायी रजिस्ट्रार की नियुक्ति नहीं हो पाने से प्रशासनिक व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। फिलहाल इस पद का अतिरिक्त कार्यभार वित्तीय सलाहकार परमेश्वरी के पास है।
कहां हुई गड़बड़ी 
भविष्य पर सवाल  
अब उन विद्यार्थियों के भविष्य पर सवाल खड़ा हो गया है, जो केंद्रीय शिक्षक पात्रता के लिए होने वाले सीटेट के लिए आवेदन करना चाहते हैं या आवेदन कर दिया है। नई मार्कशीट में देरी होने पर विद्यार्थी आवेदन से वंचित रह जाएंगे। आवेदन की अंतिम तिथि २५ नवंबर है। विश्वविद्यालय ने 4 नवंबर को रिजल्ट जारी कर मार्कशीटें कॉलेजों में भेज दी, लेकिन इनमें इंटरनल की जगह एक्सटर्नल और एक्सटर्नल की जगह इंटरनल माक्र्स प्रिंट कर दिए गए।  
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