अजय दीप लाठर, अंबाला सरकारी स्कूलों को निजी शिक्षण संस्थानों के मुकाबले में खड़ा करने के लिए शिक्षा विभाग ने नियमों में बदलाव की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत अभी तक सूट-सलवार और दुपट्टा पहनने वाली सरकारी स्कूलों की छात्राएं नए शैक्षणिक सत्र से टॉप व स्कर्ट पहन सकेंगी। यही नहीं छात्रों के लिए जूते-जुराब, टाई व बेल्ट अनिवार्य कर दिया गया है। वर्दी बदलने का निर्णय सर्व शिक्षा अभियान के तहत लिया गया है। सर्व शिक्षा अभियान के निदेशक मनदीप सिंह बराड़ ने इस बाबत स्कूल मुखियाओं को पत्र भेजा है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों की छात्राएं आसमानी व गुलाबी रंग के सूट-सलवार में नजर आती थीं। अब स्कूल मुखिया और प्रबंधन समिति इस बात का निर्णय ले सकेगी कि इलाके के माहौल के हिसाब से छात्राओं पर कौन सी ड्रेस लागू करनी है। रंग व स्टाइल का निर्धारण करने की जिम्मेदारी भी स्कूल स्तर पर छोड़ दी गई है। ऐसा ही कुछ छात्रों के मामले में किया गया है। सरकारी स्कूलों के छात्र अभी तक खाकी या स्लेटी रंग की पैंट व सफेद कमीज में नजर आते थे। पैरों में हवाई चप्पल दिखाई देती थी। छात्रों को किस रंग की वर्दी पहननी है, इसे भी स्कूल स्तर पर तय किया जा सकेगा। छात्रों के लिए फीते वाले जूते, जुराब, बेल्ट और टाई को अनिवार्य कर दिया है।