Thursday, 31 March 2011

अब अधूरे दस्तावेजों से भी हो सकेगा दाखिला

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : दस्तावेज अधूरे होने के कारण बच्चों को स्कूलों में दाखिले से वंचित नहीं होना पड़ेगा। प्रदेश के मौलिक शिक्षा निदेशालय ने अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम को लागू करने का निर्देश जारी किया है। मौलिक शिक्षा निदेशक पंकज यादव ने बताया कि सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त स्कूलों को निर्देश दिया है कि किसी भी बच्चे को दस्तावेजों की कमी के कारण दाखिला देने से इंकार नहीं किया जाएगा। स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया समाप्त होने के बाद भी बच्चों का दाखिला होगा। किसी भी बच्चे को दाखिले के लिए परीक्षा देने के लिए नहीं कहा जाएगा। विकलांग बच्चों को भी मुख्य स्कूलों में शिक्षा दी जाएगी। निदेशक ने कहा कि सभी निजी स्कूलों को भी 25 फीसदी दाखिले कमजोर वर्गो और वंचित समुदाय के बच्चों के करने अनिवार्य होंगे। इस कोटे में कोई भी सीट खाली नहीं छोड़ी जा सकती। इन बच्चों के साथ स्कूल के अन्य बच्चों के समान व्यवहार किया जाएगा और राजकीय विद्यालयों में प्रति शिक्षार्थी लागत की औसत दर पर राज्य द्वारा बच्चों को सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि समाज के कमजोर वर्गो के लिए घोषित कोटे में से कमजोर वर्गो के लिए 12.5 प्रतिशत अनुसूचित व पिछड़े वर्गो के सदस्य के लिए 5-5 प्रतिशत, सिपाहियों की विधवाओं और विकलांग अभिभावकों के बच्चों के लिए 1.25-1.25 प्रतिशत का आरक्षण होगा।
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