ज्ञान प्रसाद, रेवाड़ी
सरकार एक ओर आए दिन शिक्षा विभाग में अनेक भर्तियां करने की घोषणा कर रही है। शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए शिक्षा विभाग नए सत्र के लिए कई योजनाएं बना रहा है। इसमें एक ओर जहां जेबीटी शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाकर नई शिक्षा पद्धति का व्यावहारिक ज्ञान दिया जा रहा है वहीं हायर और सीनियर सेकंडरी स्कूलों में विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों को कंप्यूटर ज्ञान दिया जा रहा है। दूसरी ओर शिक्षा विभाग की ढांचागत स्थिति कुछ और ही बता रही है। आज भी प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में कहीं मुखिया नहीं हैं तो कहीं शिक्षक ही नहीं है।
सूत्रों के अनुसार पूरे प्रदेश में स्वीकृत एक लाख दो हजार मास्टर, सीएंडवी और लेक्चरर पदों में से आधे पद रिक्त पड़े हैं। इन शिक्षकों की कमी 15 हजार गेस्ट टीचरों से पूरा करने का प्रयास किया गया है इसके बावजूद अधिकांश स्कूलों में स्टाफ की कमी बरकरार है। हालांकि अधिकारियों ने दावा किया कि नए सत्र में लगभग सभी पदों को भरा जाएगा इसके लिए पहले जिला शिक्षा अधिकारी, मौलिक शिक्षा अधिकारियों के रिक्त पद भरे जा चुके हैं वहीं शिक्षकों की नियुक्ति भी शीघ्र की जाएगी।
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रांतीय उपप्रधान महावीर सिंह व महासचिव वजीर सिंह के अनुसार जहां विभिन्न स्कूलों में 15 हजार गेस्ट टीचर शिक्षकों की कमी दूर रहे हैं, वहीं करीब 70 हजार पात्रता पास कर चुके नियुक्ति के इंतजार में है। यदि सरकार इन शिक्षकों को नियुक्त करती है तो शिक्षकों की कमी दूर होगी।
प्रदेश में सीनियर सेकंडरी स्कूलों की संख्या 1525, हाई स्कूल 1618, मिडल 2455 स्कूल हैं। प्राइमरी स्कूलों की संख्या 9430 है। इन स्कूलों में से किसी भी स्कूल में पूरा स्टाफ नहीं है। किसी में लेक्चरर नहीं तो किसी में हेड टीचर नहीं। अकेले रेवाड़ी जिले में प्राथमिक स्कूलों के 396 स्वीकृत हेड टीचरों के पदों में मात्र 127 पद ही भरे हैं। इनमें आज भी 269 पद खाली पड़े हैं। इसी प्रकार कुल 1402 जेबीटी शिक्षकों में से 1352 पद भरे हैं। बाकि खाली पड़े हैं।
शिक्षा विभाग में प्रदेश भर में मास्टर, सीएंडवी, जेबीटी और लेक्चरर के कुल पद एक लाख दो हजार पदों में से 52 हजार पद भरे हुए हैं। इनमें से 50 हजार पद रिक्त चल रहे हैं। इसके बाद मिडिल स्कूल हेडमास्टर के 2250 में से 22 सौ पद रिक्त पड़े हैं। केवल पचास हेडमास्टर ही कार्यरत हैं। इसके अलावा हेडमास्टर के 1658 पदों में से केवल 658 पद भरे हुए हैं। इनमें एक हजार पद रिक्त पड़े हैं। सीनियर सेकंडरी की बात की जाए तो कुल 1692 पदों में 700 पद प्राचार्यों के रिक्त पड़े हैं। इनमें 992 पद ही भरे गए हैं।
सूत्रों के अनुसार पूरे प्रदेश में स्वीकृत एक लाख दो हजार मास्टर, सीएंडवी और लेक्चरर पदों में से आधे पद रिक्त पड़े हैं। इन शिक्षकों की कमी 15 हजार गेस्ट टीचरों से पूरा करने का प्रयास किया गया है इसके बावजूद अधिकांश स्कूलों में स्टाफ की कमी बरकरार है। हालांकि अधिकारियों ने दावा किया कि नए सत्र में लगभग सभी पदों को भरा जाएगा इसके लिए पहले जिला शिक्षा अधिकारी, मौलिक शिक्षा अधिकारियों के रिक्त पद भरे जा चुके हैं वहीं शिक्षकों की नियुक्ति भी शीघ्र की जाएगी।
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रांतीय उपप्रधान महावीर सिंह व महासचिव वजीर सिंह के अनुसार जहां विभिन्न स्कूलों में 15 हजार गेस्ट टीचर शिक्षकों की कमी दूर रहे हैं, वहीं करीब 70 हजार पात्रता पास कर चुके नियुक्ति के इंतजार में है। यदि सरकार इन शिक्षकों को नियुक्त करती है तो शिक्षकों की कमी दूर होगी।
प्रदेश में सीनियर सेकंडरी स्कूलों की संख्या 1525, हाई स्कूल 1618, मिडल 2455 स्कूल हैं। प्राइमरी स्कूलों की संख्या 9430 है। इन स्कूलों में से किसी भी स्कूल में पूरा स्टाफ नहीं है। किसी में लेक्चरर नहीं तो किसी में हेड टीचर नहीं। अकेले रेवाड़ी जिले में प्राथमिक स्कूलों के 396 स्वीकृत हेड टीचरों के पदों में मात्र 127 पद ही भरे हैं। इनमें आज भी 269 पद खाली पड़े हैं। इसी प्रकार कुल 1402 जेबीटी शिक्षकों में से 1352 पद भरे हैं। बाकि खाली पड़े हैं।
शिक्षा विभाग में प्रदेश भर में मास्टर, सीएंडवी, जेबीटी और लेक्चरर के कुल पद एक लाख दो हजार पदों में से 52 हजार पद भरे हुए हैं। इनमें से 50 हजार पद रिक्त चल रहे हैं। इसके बाद मिडिल स्कूल हेडमास्टर के 2250 में से 22 सौ पद रिक्त पड़े हैं। केवल पचास हेडमास्टर ही कार्यरत हैं। इसके अलावा हेडमास्टर के 1658 पदों में से केवल 658 पद भरे हुए हैं। इनमें एक हजार पद रिक्त पड़े हैं। सीनियर सेकंडरी की बात की जाए तो कुल 1692 पदों में 700 पद प्राचार्यों के रिक्त पड़े हैं। इनमें 992 पद ही भरे गए हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
प्राथमिक शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य समन्वयक सतपाल कौशिक का कहना है कि नए सत्र के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। जेबीटी शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। अधिकारियों के पद भरने का काम अंतिम चरण में चल रहा है। सत्र आरंभ होते-होते शिक्षकों की कमी को पूरा कर दिया जाएगा। वहीं हरियाणा राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान सुरेंद्र सिंह के अनुसार जिले के 444 प्राथमिक कक्षाओं में 37854 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। स्टाफ की कमी दूर होगी तो शिक्षा का स्तर भी सुधारेगा।
प्राथमिक शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य समन्वयक सतपाल कौशिक का कहना है कि नए सत्र के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। जेबीटी शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। अधिकारियों के पद भरने का काम अंतिम चरण में चल रहा है। सत्र आरंभ होते-होते शिक्षकों की कमी को पूरा कर दिया जाएगा। वहीं हरियाणा राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान सुरेंद्र सिंह के अनुसार जिले के 444 प्राथमिक कक्षाओं में 37854 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। स्टाफ की कमी दूर होगी तो शिक्षा का स्तर भी सुधारेगा।
अपग्रेड स्कूलों की स्थिति
उन स्कूलों की स्थिति और दयनीय है, जो अपग्रेड हुए हैं। इन स्कूलों में जहां पहले डेपुटेशन पर शिक्षकों को भेजा गया था। शिक्षा निदेशालय ने तत्काल प्रभाव से डेपुटेशन पर गए शिक्षकों को वापस बुला लिया। जिला शिक्षा अधिकारी और मौलिक शिक्षा अधिकारी से डेपुटेशन पर भेजने का अधिकार वापस लेने के बाद अब कोई भी अधिकारी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है। इनमें से कई स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है। रेवाड़ी जिले में ही आधा दर्जन अपग्रेड स्कूल रामभरोसे चल रहे हैं।
उन स्कूलों की स्थिति और दयनीय है, जो अपग्रेड हुए हैं। इन स्कूलों में जहां पहले डेपुटेशन पर शिक्षकों को भेजा गया था। शिक्षा निदेशालय ने तत्काल प्रभाव से डेपुटेशन पर गए शिक्षकों को वापस बुला लिया। जिला शिक्षा अधिकारी और मौलिक शिक्षा अधिकारी से डेपुटेशन पर भेजने का अधिकार वापस लेने के बाद अब कोई भी अधिकारी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है। इनमें से कई स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है। रेवाड़ी जिले में ही आधा दर्जन अपग्रेड स्कूल रामभरोसे चल रहे हैं।