नई दिल्ली, प्रेट्र : केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया और इसमें बदलाव के किसी भी प्रस्ताव को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। सीआइसी ने इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट को निर्देश दिया कि वह जजों की नियुक्ति प्रक्रिया में प्रस्तावित संशोधनों को लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआइ) और कानून मंत्री के बीच हुए संवाद को उजागर करे। मुख्य सूचना आयुक्त सत्यानंद मिश्रा ने अपने आदेश में कहा, जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया या इस प्रक्रिया में किसी बदलाव के प्रस्ताव को निश्चित तौर पर सार्वजनिक किया जाना चाहिए। नागरिकों को यह जानकारी होनी चाहिए कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति जैसे महत्वपूर्ण मसले के संबंध में प्रमुख पक्षों भारत सरकार और सीजेआइ के बीच क्या चल रहा है। सूचना आयुक्त ने सुप्रीम कोर्ट की यह दलील खारिज कर दी कि जजों की नियुक्ति से संबंधित सूचना उजागर करने पर रोक है। सीआइसी ने कहा कि किसी व्यक्ति की जज के रूप में नियुक्ति की प्रक्रिया और इस तरह की नियुक्तियों की प्रक्रिया के बीच भेद करने की जरूरत है। आरटीआइ कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल ने आवेदन में हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति प्रक्रिया के कानून मंत्रालय के संशोधित मसौदे और तत्कालीन सीजेआइ केजी बालाकृष्णन व कानून मंत्री के बीच हुए संवाद को सार्वजनिक करने की मांग की थी।