देहरादून, जागरण संवाददाता : जून में होने वाली विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्टि्रयल रिसर्च (सीएसआइआर) की तर्ज पर होगी। यानि पहले व दूसरे प्रश्न पत्र की तरह ही तीसरा प्रश्न पत्र भी डिस्कि्रप्टिव के बजाय ऑब्जेक्टिव ही होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की 22 दिसंबर, 2011 को हुई बैठक में नेट मॉडरेशन कमेटी ने सिफारिश की कि नेट के तीसरे प्रश्न पत्र में भी ऑबजेक्टिव प्रश्नों की व्यवस्था की जाए। समिति ने तर्क रखा कि तीसरे प्रश्न पत्र के मूल्यांकन की मौजूदा व्यवस्था में लगने वाले समय के कारण परिणाम लगातार विलंब से जारी हो रहा है। ऐसे में बेहतर होगा कि इस पेपर को भी ऑब्जेक्टिव किया जाए। इससे परिणाम शीघ्र जारी किए जाने का रास्ता खुलेगा। समिति ने इसके पक्ष में सीएसआइआर में इसी व्यवस्था का हवाला भी दिया। इस मुद्दे पर चर्चा के बाद आयोग ने जून में होने वाली परीक्षा में तीसरे प्रश्न पत्र को ऑब्जेक्टिव किए जाने पर मुहर लगा दी। न्यूनतम क्वालीफाइंग मार्क्स नए सिरे से निर्धारित विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने नेट के लिए न्यूनतम क्वालीफाइंग मार्क्स का निर्धारण भी नए सिरे से किया है। नए मानकों के तहत सामान्य अभ्यर्थियों को पहले व दूसरे प्रश्न पत्रों में अलग-अलग कम से कम 40-40 अंक व दोनों को मिलाकर 100 (50 प्रतिशत) अंक व तीसरे प्रश्न पत्र में 100 (50 प्रतिशत) अंक लाने होंगे। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) अभ्यर्थियों को पहले दोनों प्रश्न पत्रों में अलग-अलग 35-35 व दोनों मिलाकर 90 (45 प्रतिशत) अंक लाने होंगे। तीसरे प्रश्न पत्र में अब 90 (45 प्रतिशत) अंक लाने होंगे। विकलांग अभ्यर्थियों को अब अनुसूचित जाति व जनजाति (एससी व एसटी) के बराबर तीसरे पत्र में 40 फीसदी अंक लाने होंगे।