अजयदीप लाठर, अंबाला प्रदेशभर में शिक्षा विभाग के अफसरों की खाली पड़ी कुर्सियों को भरने की कवायद शुरू हो गई है। फिलहाल डिप्टी डीईओ के 50, बीईओ के 60 तथा नए सृजित किए गए बीईईओ के 119 पदों को पदोन्नति से भरा जाना है। इन पदों पर साल 2005 में बनी प्राचार्यो की वरिष्ठता सूची के अनुसार पदोन्नति दी जानी है। शिक्षा विभाग ने 30 दिसंबर को जिला शिक्षा अधिकारियों के खाली पदों को भरने के लिए सूची जारी की थी। डीईओ के पद पर पदोन्नति के बाद डिप्टी डीईओ के खाली पदों की संख्या 50 पहुंच गई है। यहीं नहीं शिक्षा का अधिकार लागू होने के बाद खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी (बीईईओ) के नए सृजित किए गए 119 पदों को भी भरा जाना है। वहीं, करीब 60 पद बीईओ के भी खाली पड़े हैं। खाली पदों को भरे जाने के बाद सरकारी स्कूलों में दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की संभावना जताई जा रही है। डिप्टी डीईओ के पद पर 15 जनवरी तक पदोन्नति कर दी जाएगी, जबकि बीईओ व बीईईओ के पदों को 15 फरवरी तक भरा जाएगा। शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन कहती हैं कि पदोन्नति की प्रक्रिया चल रही है, जल्द ही सूची सार्वजनिक कर दी जाएंगी। अफसरों के खाली पदों पर साल 2005 में बनी प्राचार्यो की वरिष्ठता सूची के अनुसार पदोन्नति की जानी है। वरिष्ठता नंबर 363 तक डिप्टी डीईओ, 566 तक बीईओ व 747 तक बीईईओ के पद पर तैनाती होने की संभावना है। विदित रहे कि साल 2005 के बाद प्राचार्यो के पदों से सेवानिवृत्ति के बावजूद वरिष्ठता सूची में कोई बदलाव नहीं किया गया था। यही नहीं फरवरी 2005 के बाद प्राचार्य के पद पर काबिज होने वालों की वरिष्ठता सूची भी जारी नहीं की गई है। बीईईओ के पास रहेगा बीआरसी का चार्ज :खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी के पद पर तैनात होने वाले अफसरों के पास बीआरसी (ब्लॉक रिसोर्स को-ऑर्डिनेटर) का भी चार्ज रहेगा। बीआरसी का काम सर्व शिक्षा अभियान के तहत चलने वाले प्रोजेक्ट का स्कूलों में क्रियान्वयन करना है। वहीं, बीईईओ को आठवीं कक्षा तक के स्कूलों में छापामारी करने का अधिकार रहेगा।