Sunday 27 November 2011

जम्मू-कश्मीर में शिक्षकों के ट्यूशन पढ़ाने पर रोक

जम्मू हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने राज्य के सरकारी शिक्षकों के ट्यूशन पढ़ाने व डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह फैसला शुक्रवार को विचार क्रांति इंटरनेशनल व अन्य की जनहित याचिका पर गौर करने के बाद सुनाया। डिवीजन बेंच में चीफ जस्टिस एफएम इब्राहिम व जस्टिस विरेंद्र सिंह ने 11 अगस्त 2005 को जारी सरकारी सर्कुलर को खारिज कर दिया है जिसमें शिक्षकों को स्वयं रोजगार के नाम पर स्कूल खुलने से दो घंटे पहले तक व स्कूल बंद होने के दो घंटे बाद कोचिंग सेंटर में पढ़ाने तथा डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस करने की अनुमति दी गई थी। विचार क्रांति इंटरनेशनल की ओर से बेंच के सामने पेश हुए सीनियर एडवोकेट पीएन रैना व जेए हमल ने कहा कि जेएंडके गवर्नमेंट इंप्लाइज 1971 के नियम 10 के तहत सरकारी कर्मचारियों के किसी अन्य कामकाज में संलिप्त होने पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद सरकार ने डाक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस व शिक्षकों को प्राइवेट ट्यूशन की अनुमति दे रखी है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि सरकारी शिक्षकों व डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस की अनुमति नहीं है और सरकार ने नियमों को तोड़मरोड़ कर ऐसी अनुमति जारी की है। इससे शिक्षक व डॉक्टर सिर्फ पैसा कमाने में लगे हुए हैं और पढ़ाई और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं।
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