विनोद कुमार मेनन, मुंबई बीते 15 साल में पहली बार भारतीय सेना अपने यहां खाली सभी 12 हजार पदों को भरने की तैयारी में है। इसमें महिला और पुरुष, दोनों ही उम्मीदवारों के पद हैं। इन्हीं कोशिशों के तहत इस साल करीब 2,300 अधिकारियों की देहरादून और चेन्नई स्थित प्रशिक्षण कैंपों के लिए भर्ती की जाएगी। इसके अतिरिक्त, सेना ने गत 18 जुलाई से बिहार के गया में ट्रेनिंग कैंप की शुरुआत की है, जहां हर साल 700 अधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। अधिकारियों की कमी को पूरा करने के लिए सेना, सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) की परीक्षा पास करने वाले किंतु तकनीकी मामलों में पीछे रह जाने वाले उम्मीदवारों को गैर-तकनीकी क्षेत्र में शामिल होने का भी विकल्प पेश कर रही है। इसका उसे लाभ मिल रहा है। एक रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि फौज में 12,300 से ज्यादा अधिकारियों के पद रिक्त हैं। जबकि फौज में कुल 46,500 अधिकारियों के लिए स्थान हैं। भारतीय सेना में 13 लाख सैनिक हैं। युवा क्यों उदासीन : सेना के अधिकारी मानते हैं कि आज युवा फौज में जाने से कतराते हैं। इसके मुख्य कारण सेना का अनुशासन और बाहर की नौकरियों में निजीकरण के कारण मिलने वाली मोटी रकम है। सैन्य अधिकारियों के मुताबिक सेना में जवानों की सबसे ज्यादा कमी गैर तकनीक कोर खासकर पैदल सेना, तोपखाना और बख्तरबंद टुकड़ी में है। इस कमी पर टिप्पणी करते हुए सेना एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, युवा खून आज बहुत महत्वाकांक्षी हो गया है और वह बिना शारीरिक मेहनत के कम समय में ज्यादा पाना चाहता है।