जयपुर, जागरण संवाददाता : राजस्थान उच्च न्यायालय ने नर्स भंवरी देवी अपहरण मामले में उदासीनता बरतने पर अशोक गहलोत सरकार को जमकर फटकारा और कहा, मंत्री को बचाने के लिए सरकार मिलीभगत से काम कर रही है। आज तक ऐसी नाकारा सरकार नहीं देखी। सरकारी कार्यप्रणाली से खफा अदालत ने निर्देश दिया कि जब तक गुमशुदा महिला मिल नहीं जाती तब तक जांच एजेंसी रोजाना अदालत में रिपोर्ट पेश करें। मामले की सुनवाई हर दूसरे दिन होगी। उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ के न्यायाधीश गोविंद माथुर व एनके जैन द्वितीय की खंडपीठ ने मंगलवार को भंवरी देवी के पति अमरचंद की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले की सुनवाई के दौरान यह तल्ख टिप्पणी की। खंडपीठ ने कहा, एक महिला महीने भर से गायब है और सरकार को उसकी चिंता नहीं है। जनता पुलिस के भरोसे है और सरकार को अपनी पुलिस पर ही भरोसा नहीं है। जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा का जिक्र करते हुए अदालत ने कहा, सरकार मंत्री को बचाने के लिए मिलीभगत से काम कर रही है। न्यायाधीश माथुर ने सरकार की ओर से प्रगति रिपोर्ट पेश किए जाने पर पूछा, एक माह से ज्यादा हो गया शव कहां है? इस रिपोर्ट में क्या लिखा है, पढ़ने की भी जरूरत नहीं। इसे कूड़ेदान में क्यों नहीं फेंक दिया जाए।