Thursday, 6 October 2011

सीधे खातों में जाएगी सरकारी राशि

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली सरकार न तो आपको नकदी देगी और न ही चेक। अगर किसी भी सरकारी स्कीम के तहत आपको लाभ लेना है तो यह राशि आपके खाते में सीधे ऑनलाइन जमा होगी। इसका सीधा मतलब हुआ कि चाहे केरोसीन व फर्टिलाइजर सब्सिडी की राशि लेनी हो या मनरेगा मजदूरी अथवा फिर किसी अन्य सरकारी स्कीम के तहत मिलने वाली राशि, इन सभी का भुगतान लाभार्थियों के बैंक खाते में सीधे इलेक्ट्रॉनिक ढंग से होगा। सरकार का आकलन है कि इससे उसे सालाना एक लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। वित्त मंत्रालय, योजना आयोग और प्रधानमंत्री कार्यालय व अन्य संबंधित मंत्रालयों के अधिकारियों को मिलाकर बनाई गई एक अंतर-मंत्रालयी समिति सरकारी खर्च पर लगाम लगाने की इस योजना का खाका तैयार कर चुकी है। पिछले दिनों वित्त मंत्रालय में इस समिति की बैठक में इस योजना को अंतिम रूप दिया गया। योजना सरकारी स्कीमों और इसके लाभार्थियों के बीच बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह से खत्म करने की भी है। समिति का फैसला है कि अप्रैल, 2013 से समाजिक विकास से संबंधित सभी कार्यक्रमों के तहत नकदी की अदायगी के लिए बैंक खाते में इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर का तरीका ही अपनाया जाएगा। वैसे, कुछ सरकारी स्कीमों के तहत अभी इसका पालन भी किया जा रहा है। समिति के सूत्रों का कहना है कि मोटे तौर पर इस योजना को पूरी तरह से लागू करने से केंद्र व राज्य सरकार को सालाना एक लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। यह बचत सब्सिडी के गलत इस्तेमाल पर रोक लगने, स्कीमों को लागू करने की लागत में कमी आने और भ्रष्टाचार में कमी होने से होगी। समिति ने विभागवार ब्योरा तैयार किया है कि केंद्र के किस विभाग को कितनी बचत होगी। सबसे ज्यादा 25 हजार करोड़ रुपये की सालाना बचत खाद्य आपूर्ति मंत्रालय को होगी। समिति का यह भी आकलन है कि इसके लिए ढांचागत व्यवस्था तैयार करने पर एक बारगी 60 से 70 हजार करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। सूत्रों का कहना है कि इस योजना की सफलता पूरी तरह से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) और वित्त मंत्रालय पर निर्भर करेगी। इन दोनों को दूरदराज के इलाकों में बैंक खाता खोलने व आधार कार्ड बांटने की प्रक्रिया तेज करने को कहा गया है। वित्त मंत्रालय शीघ्र ही एक हजार से अधिक आबादी वाले लगभग एक लाख गांवों को मार्च, 2013 तक बैंक सेवा से जोड़ने का निर्देश जारी करेगा। अभी बैंक दो हजार से ज्यादा आबादी वाले 72 हजार गांवों को बैंकिंग सेवा से जोड़ने की स्कीम लागू कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि विशिष्ट पहचान पत्र देने का काम जनवरी, 2012 से तेज हो जाएगा। पहचान पत्र मिलने के साथ ही बैंक खाते खोलने का काम भी तेज होगा। अभी 60 फीसदी आबादी तक बैंकों की पहुंच है जो उक्त स्कीमों के बाद मार्च, 2013 तक 85 फीसदी हो जाएगी। रसोई गैस, केरोसीन व उर्वरक सब्सिडी सीधे ग्राहकों के हाथों में देने की योजना भी इसी स्कीम का हिस्सा बनेगी।
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