जागरण संवाददाता, नई दिल्ली शिक्षा के अधिकार कानून के लिए बनाए जाने वाले कुछ नए नियमों को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। दरअसल शिक्षा के अधिकार कानून को पूरी तरह लागू करने के लिए कुछ नियम बनने हैं जिसके लिए सरकार ने ड्राफ्ट न तो पास किया है और न ही इसकी अधिसूचना ही जारी की है। उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करने के साथ-साथ शिक्षा सचिव को समन जारी कर अदालत में बुलाया है। अब इस मामले में नौ नवंबर को सुनवाई होगी। अदालत में इस ड्राफ्ट को जल्द पास करके अधिसूचना जारी करने की मांग करते हुए सोशल ज्यूरिस्ट की तरफ से एक जनहित याचिका दायर की गई है। सोशल ज्यूरिस्ट ने इस जनहित याचिका में बताया है कि इस संबंध में पहले भी एक याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई के दौरान 10 अगस्त को दिल्ली सरकार ने बताया था कि इन नियमों के संबंध में तैयार ड्राफ्ट को जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा। फिर उसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी ताकि यह अधिकार पूरी तरह लागू हो सके। इस दलील को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा था कि कोर्ट ऐसी उम्मीद करता है कि सरकार इसे जल्द ही लागू करेगी। परंतु अभी दो माह का समय बीत चुका है और अभी तक अधिसूचना जारी नहीं की गई है। जिससे बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है। याचिकाकर्ता ने बताया कि एक अप्रैल 2010 को शिक्षा का अधिकार लागू हो गया। जिसे लागू करने के लिए सरकार को कुछ नियम बनाकर अधिसूचना जारी करनी थी। जिसके लिए जून 2010 में एक ड्राफ्ट बनाया था। परंतु उससे आगे सरकार ने कोई काम नहीं किया। इसलिए सरकार को निर्देश दिया जाए कि जल्द ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे उसे लागू करवाए ताकि आरटीई का बच्चों को लाभ मिले।