जागरण ब्यूरो, भोपाल मध्य प्रदेश में पदोन्नति के लिए प्रदेश में शिक्षकों का टेस्ट लिया गया, जिसमें तीन चौथाई से अधिक शिक्षक फेल हो गए। केवल एक चौथाई ने परीक्षा पास की, जिन्हें पदोन्नत किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने गुरुजी को पदोन्नत करने के लिए यह तय किया कि जो गुरुजी परीक्षा में पास होंगे, उन्हें संविदा शिक्षक-तीन के पद पर पदोन्नत किया जाएगा। इस नीति के तहत राज्य के व्यवसायिक शिक्षा मंडल को परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। फरवरी में हुई पात्रता परीक्षा में लगभग 18,750 शिक्षक शामिल हुए थे। इनमें 4,300 ही सफल हो पाए। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने खेल होने वाले शिक्षकों को दक्षता साबित करने का दूसरा मौका दिया ताकि उनकी सेवाएं बरकरार रहें। परीक्षा में फेल होने के बाद गुरुओं की नौकरी संकट में पड़ सकती है। कांग्रेस शासन में भर्ती हायर सेकेंडरी परीक्षा उर्त्तीण ये शिक्षक फिक्स वेतन पर दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को पढ़ाते हैं। सूत्रों का कहना है, भाजपा सरकार प्रदेश में एक लाख से ज्यादा संविदा शिक्षकों की भर्ती कर रही है। जो स्थान गुरुओं की सेवाएं समाप्त करने से खाली होंगे, वे नई भर्ती से भर जाएंगे। इससे शिक्षकों की कमी नहीं होगी और योग्य दावेदारों को रोजगार का अवसर भी मिलेगा। राजनीतिक रूप से इसका श्रेय भी भाजपा के खाते में जाएगा। कारण, गुरुजी कांग्रेस के राज में नियुक्त किए गए थे। जानकार बताते हैं कि 14 हजार से अधिक गुरुओं को घर बैठाने का फैसला लेना आसान भी नहीं है। बताते हैं कि नतीजा आने के बाद शिक्षक संघ भी अगली रणनीति बनाने में जुट गया है। दीपावली के बाद उसका रुख स्पष्ट हो जाएगा।