ग्रुप डी कमेटी के चेयरमैन ने दी सीक्रेट रिपोर्ट
•डा. सुरेद्र धीमा
चंडीगढ़।
चपरासी, सेवादार, चौकीदार, माली, स्वीपर जैसे ग्रुप डी की पदो पर नौकरी हासिल करने के लिए चार लाख बेरोजगार युवको का सरकार ने ऐसा मखौल उड़ाया कि तीन साल के लंबे इंतजार के बाद उनकी उम्मीदो पर पानी फिर गया। बड़ो ने खता की और उसकी सजा चार लाख बेरोजगार युवको ने भुगती।
हरिया सरकार ने करीब तीन साल पहले ग्रुप-डी के पांच हजार पदो पर कर्मचारी भरती करने के लिए एक तकालीन आईएएस अफसर जेपी कौशिक की अयक्षता मे कमेटी गठित की थी। चपरासी के 22 पदो के लिए 2.30 लाख और अय 2800 पदो के लिए 1.70 लाख आवेदन आए। इतनी भारी संख्या मे आवेदन आने से कमेटी के हाथ-पांव फूल गए। सरकार ने डीसी की अयक्षता मे कमेटियां गठित कर दी। सबसे पहले चपरासी पदो के लिए आए 2.30 लाख आवेदनो मे से 1.10 लाख को ही साक्षाकार के लिए बुलाया। साक्षाकार पूरे हुए कई महीने बीत चुके है। चपरासी की नौकरी का साक्षाकार देने वाले युवको को नौकरी की उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने 27 जुलाई 2011 को भरती प्रक्रिया ही रद करने की ाषा कर दी, इससे उनकी उम्मीदो पर पानी फिर गया।
अमर उजाला को मिली जानकारी के मुताबिक कमेटी के चेयरमैन जेपी कौशिक ने हरिया सरकार को सीक्रेट रिपोर्ट भेजी। इसके आधार पर सरकार ने ग्रुप-डी की कमेटी भी भंग कर दी और चयन प्रक्रिया भी रद कर दी। रिपोर्ट मे जेपी कौशिक ने लिखा कि कमेटी के अयक्षो और सदस्यो ने साक्षाकार मे मनमर्जी से नंबर दिए और चयन प्रक्रिया मे नियमो का उल्लांन हुआ। आठवी कक्षा पास जरूरी योयता थी तो बहुत सारे उम्मीदवारो ने फर्जी सर्टिफिकेट हासिल कर लिए। इसकी जानकारी कई शिकायतो के मायम से मिली। योयता, अनुभव और अतिरित कार्य किए के नंबर अलग थे और साक्षाकार के 20 नंबर थे। चार-पांच डीसी ने साक्षाकार मे 20 मे से 16-18 नंबर तक दे दिए और कुछ ने 7-8 अंक दिए। इसके अलावा साक्षाकार लेने के बावजूद परिम राय स्तर पर कमेटी ने ाषित करना था, जो नही किया जा सका।
•कमेटी मे कुछ सदस्यो ने खुलकर नंबर दिए तो कुछ ने कंजूसी बरत
•चपरासी के 22 और अय के 2800 पदो पर होनी थी नियुति
चयन प्रक्रिया मे नियमो का उल्लांन, 27 जुलाई को भरती प्रक्रिया रद
मैने सरकार को सीक्रेट रिपोर्ट भेजी है। जिस पर सरकार ने फैसला किया है। अब मै चेयरमैन नही हूं और चयन प्रक्रिया भी रद हो चुकी है। साक्षाकार और अय गतिविधियो के लिए कुल कितने नंबर थे, मै नही बता सकता।
-जेपी कौशिक
पूर्व चेयरमैन, ग्रुप डी कमेटी
ग्रुप डी कमेटी के चेयरमैन के तौर पर जेपी कौशिक ने साक्षाकार आदि मे गड़बड़ी से संबंधित सीक्रेट रिपोर्ट भेजी थी। जिसके आधार पर कमेटी भंग कर दी है और चयन प्रक्रिया भी।
-उर्वशी गुलाट
मुख्य सचिव, हरिया सरकार