Friday, 29 July 2011

स्थायी करने की नीति पर दो धड़ों में बंटे कर्मचारी

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : प्रदेश सरकार द्वारा अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने की नीति पर कर्मचारी दो धड़ों में बंट गए हैं। एक धड़ा प्रदेश सरकार की इस नीति का विरोध कर रहा है जबकि दूसरा सराहना। विरोध करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि 10 अप्रैल 2006 को 10 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों की बजाय दो साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मियों को स्थायी किया जाना चाहिए। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के अध्यक्ष धर्मवीर फौगाट, महासचिव सुभाष लांबा, देवेंद्र सिंह हुड्डा, सरबत सिंह पूनिया, जीवन सिंह और एचसी जग्गा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह से उनके कैंप कार्यालय में मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि दो साल के लंबे इंतजार के बाद सरकार द्वारा घोषित नीति से काफी कम कर्मचारी नियमित होंगे। उन्होंने कहा कि बुधवार को घोषित नीति में इतने पेंच हैं कि बहुत कम कर्मचारियों को इसका लाभ मिल पाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस बारे में जल्द ही कर्मचारियों को बातचीत के लिए बुलाने का भरोसा दिलाया है। दूसरी तरफ हरियाणा गवर्नमेंट कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र भंवरिया ने कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का आभार जताया है।
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