जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली शिक्षा का अधिकार कानून के अमल में राज्य सरकारें भले ही कोताही बरत रही हों, लेकिन केंद्र सरकार इसे और चाक-चौबंद करने में जुट गई है। छह से चौदह साल तक के बच्चों को अनिवार्य व मुफ्त शिक्षा के कार्यक्रम की कामयाबी के लिए ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सर्वशिक्षा अभियान के बेहतर संचालन में आधा दर्जन से अधिक दूसरे मंत्रालयों को भी शामिल कर लिया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने गुरुवार को यहां पत्रकारों को बताया कि अब सर्व शिक्षा अभियान की संचालन समिति और कार्यकारी समिति में पंचायती राज, अल्पसंख्यक कार्य, युवा व खेल, ग्रामीण विकास, आदिवासी मामले और पूर्वोत्तर क्षेत्र मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। केंद्रीय कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। संचालन समिति में राज्यमंत्री स्तर के प्रतिनिधि होंगे, जबकि कार्यकारी समिति में इन मंत्रालयों के सचिव स्तर के अधिकारी प्रतिनिधित्व करेंगे। कार्यकारी समिति में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के भी सचिव को रखा गया है। सूत्र बताते हैं कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से दूसरे मंत्रालयों को भी सर्वशिक्षा अभियान के संचालन व कार्यकारी समिति में शामिल करने के पीछे शिक्षा का अधिकार कानून का और प्रभावी अमल है। सरकार ने इसी तरह राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में तेजी लाने के मकसद से उसकी कार्यकारी समिति में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और पूर्वोत्तर क्षेत्र मंत्रालय को शमिल किया है।