चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : प्रदेश में तीन दशक के लंबे अंतराल के बाद 9087 मास्टर कन्फर्म हो गए हैं। हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रदेश के शिक्षा विभाग ने इन मास्टरों को कन्फर्म कर दिया है। किसी तरह की विभागीय गारंटी के लिए अब इन मास्टरों को दूसरे कन्फर्म कर्मचारियों की जमानत पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मलिक ने शिक्षा विभाग के इस फैसले की सराहना की और इसे संगठन की जीत बताया है। रमेश मलिक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मास्टरों की वरिष्ठता सूची तैयार कर उन्हें कन्फर्म करने की मांग की थी। याचिका में सी एंड वी शिक्षकों, लेक्चरर, हेडमास्टर और प्रिंसिपल को भी कन्फर्म किए जाने की मांग की गई थी। प्रदेशाध्यक्ष की याचिका पर फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने सात मार्च को शिक्षा विभाग को निर्देश दिए थे कि चार माह की अवधि के दौरान जितने भी मास्टर, लेक्चरर, सी एंड वी शिक्षक, हेडमास्टर और प्रिंसिपल कन्फर्मेशन के नियमों के दायरे में आते हैं, उन्हें कन्फर्म किया जाए। हाईकोर्ट के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने 17 हजार 300 वरिष्ठता क्रमांक तक मास्टरों की वरिष्ठता सूची तैयार की, जिनमें से 9087 मास्टरों को कन्फर्म कर दिया गया है। इन मास्टरों की सूची शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर भी डाल दी गई है। 17 हजार 300 मास्टरों की वरिष्ठता सूची में से उन मास्टरों के नाम स्वाभाविक तौर पर हट गए हैं, जो या तो सेवानिवृत्त हो चुके हैं या फिर पदोन्नति पाकर लेक्चरर बन चुके हैं। शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट में सूचना दी है कि 511 हेडमास्टर, 373 प्रिंसिपल और 6410 लेक्चरर को पहले ही कन्फर्म किया जा चुका है। सी एंड वी शिक्षकों को कन्फर्म करने की प्रक्रिया विभाग द्वारा जारी है। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मलिक ने बताया कि 1980 के बाद राज्य में मास्टर पहली बार कन्फर्म हुए हैं। मास्टरों को कन्फर्म होने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यदि विभाग में किसी कारणवश बंद की स्थिति पैदा होती है तो इन मास्टरों को हटाया नहीं जाएगा। इससे इन मास्टरों का भविष्य पूरी तरह से सुरक्षित हो गया है। रमेश मलिक ने मास्टरों की कन्फर्मेशन के लिए शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल का आभार जताया है।