Friday, 6 May 2011

नकल में भी अक्ल चाहिए

सतीश चौहान, कुरुक्षेत्र नकल में भी अक्ल चाहिए शायद यह लोकोक्ति निदेशालय के कर्मचारियों पर सटीक बैठती है। यूजीसी के नोटिफिकेशन को नकल के प्रयास में ये भूल गए की प्रदेश सरकार ने पदोन्नति का खाका अलग तैयार किया है। नोटिफिकेशन को देखकर प्राध्यापकों की समझ में नहीं आ रहा है कि उनको पदोन्नति के लिए कितने अंकों की जरूरत होगी। यूजीसी के नोटिफिकेशन से नकल कर अंक तालिका के ऊपर कुछ लिखा गया और अंदर कुछ और। विज्ञान संकाय के प्राध्यापकों की पदोन्नति कैसे होगी इसका जिक्र पूरे नोटिफिकेशन में कहीं नहीं किया गया है, जबकि यूजीसी के नोटिफिकेशन में इसके लिए अलग से बताया गया है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कार्यकारिणी सदस्य डॉ. भगवान सिंह ने बताया कि नोटिफिकेशन में प्राध्यापकों की पदोन्नति के लिए अलग-अलग कार्यों के लिए अंक तालिका बनाई गई है, जो नोटिफिकेशन के पेज नंबर एक पर ही है। इस अंकतालिका में कुल अंक 125 हैं जिनमें से प्राध्यापकों को कम से कम 110 अंक लेने को कहा गया है। वहीं दूसरी ओर तालिका के ऊपर बनी भूमिका में ही इसको 110 से बढ़ाकर 120 लिखा गया है। इसके अलावा अतिरिक्त कार्यो के लिए भी तालिका बनाई गई है जिसमें कुल 50 अंक दिए गए हैं, जिनमें से प्राध्यापकों को 30 अंक लेने थे। जबकि यूजीसी के अनुसार प्राध्यापकों को इसमें से 15 अंक लेने थे तो इसको देखकर ही प्रदेश सरकार द्वारा नोटिफिकेशन में भी ठीक तालिका के ऊपर प्राध्यापक को पदोन्नति के लिए कम से कम 15 अंक लेने को ही कह दिया गया है। प्रदेश के उच्च शिक्षा निदेशालय के कर्मचारी यहीं नकल मारने में मात खा गए और इस ऊपर वाली पूरी की पूरी लाइन को यूजीसी के नोटिफिकेशन से उठाकर यहां जोड़ दिया, लेकिन अपने नियमों को भूल गए। इसके ठीक तीसरी लाइन में ही 50 में से 35 अंक लेने को कहा गया है जबकि असल में अंक लेने थे 30। यानि निदेशालय के कर्मचारियों और उच्च अधिकारियों ने टाइप करने के बाद इसको पढ़ने की जहमत तक नहीं उठाई है। कर्मचारियों ने नोटिफिकेशन में कमाल तो उस जगह किया है जहां इन दोनों तालिकाओं को जोड़ा गया है यानी पेज नंबर सात पर। इसमें दोनों में प्राप्त अंकों को जोड़कर लिखना था। तालिका में दोनों श्रेणियों के अंकों यानी 110 और 30 को लिखकर कुल जोड़ लिखना था। नोटिफिकेशन में इन दोनों संख्याओं का जोड़ 130। अब इनको ये कौन सिखाए कि इन दोनों संख्याओं का जोड़ 130 नहीं बल्कि 140 होता है। कुटा अध्यक्ष प्रदीप चौहान का कहना है कि नोटिफिकेशन यूजीसी से नकल करने की कोशिश में इतनी गलतियां की गई हैं कि पूरा का पूरा नोटिफिकेशन ही शक के दायरे में आ गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश भर के प्राध्यापकों ने इसे सिरे से नकार दिया है।
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