चंडीगढ़ (ब्यूरो)। हरियाणा में अध्यापकों की नियमित भरती के लिए बनाए गए नियमों पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
पात्र
अध्यापक चार वर्ष के अनुभव वाले शिक्षकों को भरती में छूट देने का विरोध
कर रहे हैं। इस छूट के खिलाफ पात्र अध्यापक संघ ने मंगलवार को शिक्षा
निदेशालय के बाहर आमरण अनशन करने का ऐलान कर दिया है। उधर, पात्र अध्यापकों
की शिकायत पर कांग्रेस आलाकमान ने भी मुख्यमंत्री हुड्डा को पत्र लिखकर
मामले में हस्तक्षेप करने को कहा है।
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अध्यापक संघ की महिला विंग की अध्यक्ष अर्चना सुहासिनी ने कहा कि सरकार ने
अतिथि अध्यापकों को अंदर खाते एडजस्ट करने के लिए ही पात्रता परीक्षा से
छूट देने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा
कि पात्र अध्यापक संघ छूट के फैसले को रद किए जाने तक संघर्ष जारी रखेगा।
मंगलवार से शिक्षा निदेशालय के बाहर आमरण अनशन शुरू किया जाएगा।
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अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा व अन्य पदाधिकारियों ने
शिक्षा के अधिकार कानून के प्रावधानों का खुला उल्लंघन करने और अतिथि
अध्यापकों को प्रदेश के युवाओं से ज्यादा तरजीह देने का मामला 18 अप्रैल को
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के समक्ष उठाया था। संघ के पदाधिकारी इस
मामले पर कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी से भी मिले थे। इस पर संज्ञान लेते
हुए कांग्रेस महासचिव और हरियाणा मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने
मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप
करने को कहा है।
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