Thursday, 12 April 2012

आरटीई के प्रावधानों की वैधता पर फैसला आज

नई दिल्ली : नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) में निजी स्कूलों के लिए समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वगरें के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के अनिवार्य नियम समेत अनेक प्रावधानों की वैधता पर सर्वोच्च अदालत गुरुवार को फैसला सुनाएगी। प्रधान न्यायाधीश एसएच कपाडि़या और न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन एवं न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की पीठ ने पिछले साल तीन अगस्त को फैसला सुरक्षित रखा था। पीठ अब कानून के उन प्रावधानों की वैधता पर भी फैसला सुनाएगी जिसमें शिक्षा का अधिकार 6 से 14 साल तक की आयु के च्च्चों के लिए बुनियादी अधिकार बताया गया है। कुछ निजी गैर सहायता प्राप्त संस्थानों की याचिकाओं पर फैसला सुनाया जाएगा जिन्होंने दलील दी थी कि कानून अनच्च्छेद 19(1)(जी) के तहत निजी शिक्षण संस्थानों के अधिकारों का उल्लंघन करता है। इस अनच्च्छेद में निजी प्रबंधनों को उनके संस्थानों को बिना सरकारी हस्तक्षेप के संचालित करने की स्वायतत्ता प्रदान की गई है। कई महीने तक चली सुनवाई के दौरान केंद्र ने कानून का बचाव करते हुए कहा था कि इसका उद्देश्य समाज के सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो का उत्थान करना है।
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