दयानंद शर्मा, चंडीगढ़ हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा के आयोजन में देरी पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, स्कूल शिक्षा निदेशकों और विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अंबाला के तिलकराज ने अतिथि अध्यापकों के कार्यकाल को 31 मार्च 2012 से आगे न बढ़ाने व नियमित भर्ती के संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई के दौरान 29 मार्च 2010 को राज्य सरकार ने शपथपत्र दिया था कि वह 30 जुलाई 2011 तक एचटेट का आयोजन कर लेगी और 31 दिसंबर 2011 तक नियमित भर्ती कर दी जाएगी। इस शपथपत्र को रिकॉर्ड पर लेते हुए 30 मार्च 2011 को हाईकोर्ट ने अतिथि अध्यापकों का कार्यकाल 31 मार्च 2012 तक बढ़ाने की अनुमति दी थी। साथ ही आदेश दिया था कि अगर सरकार शपथपत्र में दिए गए एचटेट व भर्ती के शेड्यूल से जरा भी इधर-उधर होकर देरी करेगी तो इसे हाईकोर्ट की अवमानना माना जाएगा। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अपने 30 मार्च 2010 को दिए फैसले में यह भी स्पष्ट कर दिया था कि 31 मार्च 2012 के बाद किसी भी कीमत पर अतिथि अध्यापकों का कार्यकाल आगे नहीं बढ़ाया जा सकेगा। सरकार द्वारा शपथपत्र में दिए गए शेड्यूल पर अमल न होने पर याचिकाकर्ता तिलकराज ने अपने अधिवक्ता जगबीर मलिक के माध्यम से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की। इस पर जस्टिस एके मित्तल ने सभी संबंधित पक्षों को अदालत की अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। विदित रहे कि एचटेट की 24 और 25 सितंबर को होने वाली परीक्षा स्थगित करते हुए इसे 5 और 6 नवंबर को लिए जाने का कार्यक्रम घोषित किया गया है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इस परीक्षा को समय पर कराने की अनुमति दिए जाने के बावजूद यह परीक्षा जानबूझकर टाली गई है। परीक्षा टालने से दिसंबर तक नियमित भर्ती नहीं हो पाएगी।