Friday, 23 September 2011

आरोही स्कूलों के लिए लेक्चरर का टोटा

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : राज्य के आरोही स्कूलों में भर्ती के लिए लेक्चरर नहीं मिल रहे हैं। इन स्कूलों में भर्ती के लिए जो योग्यता निर्धारित की गई है, वह अधिक है, जिसे पूरा नहीं किया जा पा रहा है। स्कूलों में लेक्चररों की भर्ती प्रक्रिया लंबे समय से लटकी हुई है। हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन (हसला) ने शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल से मुलाकात कर निर्धारित योग्यता में छूट देने की मांग की है। शिक्षा मंत्री ने लेक्चररों की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश देने का भरोसा दिलाया है। आरोही स्कूलों में इस समय करीब 400 लेक्चरर प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे हैं। नई भर्ती होने के बाद इन लेक्चररों को वापस उनके स्कूलों में भेजने का रास्ता साफ हो जाएगा और दूसरे सेमेस्टर के लिए पढ़ाई भी सुचारू हो सकेगी। हसला के प्रदेश अध्यक्ष किताब सिंह मोर के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल और मुख्यमंत्री के प्रधान ओएसडी एमएस चोपड़ा से मिले प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि आरोही स्कूलों में भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता कॉलेज कैडर से भी उच्च स्तर की है, जो कि पूर्णतया अव्यवहारिक है। आरोही स्कूलों में प्राध्यापकों के स्नातक व स्नातकोत्तर में 60 प्रतिशत, बीएड में 55 प्रतिशत, अध्यापक पात्रता परीक्षा में 60 प्रतिशत, संबंधित विषय बीएड में 60 प्रतिशत तथा तीन वर्ष का शैक्षणिक अनुभव अनिवार्य किया गया है। किताब सिंह मोर के अनुसार आरोही स्कूलों में प्रतिनियुक्ति पर गए 400 प्राध्यापकों के बिना विद्यालयों में हजारों बच्चों को बिना पढ़ाई किए ही प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा में बैठना पड़ेगा। इसलिए हसला ने मांग की है कि एचटेट में 50 प्रतिशत तथा स्नातक व स्नातकोत्तर डिग्रियों में भी अंकों की बाध्यता की छूट दी जाए। उन्होंने सैकड़ों नए अपग्रेड वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के प्राध्यापकों को तीन माह से वेतन नहीं मिलने पर आक्रोश जाहिर किया। प्रदेशाध्यक्ष ने स्टेट अवार्ड के लिए भी राच्य शैक्षणिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद का प्रशिक्षण व चुनाव ड्यूटी के अंकों को हटाने की बात रखी क्योंकि चुनाव में प्राय: महिला प्राध्यापिका ड्यूटी नहीं देतीं। प्रतिनिधिमंडल में हसला के वरिष्ठ नेता रामफल सहरावत, प्रांतीय उप प्रधान सुदर्शन शर्मा, महीपाल पूनिया, मुकेश नैन व सुखपाल काला मौजूद रहे।
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