चंडीगढ़, जागरण संवाददाता : प्रदेश के शिक्षा विभाग में वर्ष 2009 में विज्ञापित 9647 जेबीटी पदों की प्रतीक्षा सूची उम्मीदवारों को नियुक्ति न देने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। जेबीटी भर्ती की प्रतीक्षा सूची में शामिल राजेश कुमार व 23 अन्य उम्मीदवारों ने उन्हें नियुक्ति न देने पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता जगबीर मलिक ने सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया कि हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन ने विज्ञापन संख्या 4/2009 की केटेगरी 1 के तहत 9647 जेबीटी अध्यापकों की भर्ती हेतु 13 अगस्त 2009 को विज्ञापन दिया था। 16 सितंबर 2010 को कमीशन ने चयनित उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी थी। इसमें याचिकाकर्ताओं सहित 600 से ज्यादा उम्मीदवारों को प्रतीक्षा सूची में रखा गया। चयनित जेबीटी अध्यापकों को शिक्षा विभाग द्वारा 4 जनवरी से 11 फरवरी, 1 मार्च से 14 मार्च व 11 अप्रैल से 26 अप्रैल तक ड्यूटी ज्वायन करने के 3 अवसर प्रदान किए गए थे। परंतु सैकड़ों उम्मीदवारों ने विभिन्न कारणों से ड्यूटी ज्वाइन नहीं की और वे पद रिक्त रह गए। शिक्षा विभाग द्वारा एक वर्ष बीतने के बावजूद अभी तक प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं दी गई है। मलिक ने कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा सूचना का अधिकार कानून के तहत ली गई सूचनाओं के अनुसार तकरीबन 336 चयनित जेबीटी उम्मीदवारों ने ड्यूटी ज्वाइन नहीं की। वहीं अनेक चयनित उम्मीदवार तो स्टेशन व जिला आवंटन के लिए हुई काउंसिलिंग में ही नहीं पहुंचे। जिससे कुल 600 से ज्यादा पद रिक्त होने का अनुमान है। शिक्षा विभाग द्वारा अभी तक प्रतीक्षा सूची में शामिल याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति न देना उनके अधिकारों का हनन है। अधिवक्ता की दलीलें सुनने के उपरांत हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार व मौलिक शिक्षा निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।