नई दिल्ली, एजेंसी : दोपहिया वाहनों के पीछे बैठने वाली महिला चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की खातिर दिल्ली सरकार महिलाओं को हेलमेट पहनने से छूट न देने का पक्ष ले सकती है लेकिन वह अंतिम फैसला दिल्ली उच्च न्यायालय पर छोड़ेगी। दिल्ली उच्च न्यायालय के नोटिस के बाद महानगर की सरकार ने यह प्रतिक्रिया दी है। न्यायालय ने सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था कि क्या महिलाओं के लिए हेलमेट पहनना आवश्यक किया जाना चाहिए। अदालत ने एक याचिका को स्वीकार करते हुए अगस्त में दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था जिसने दिल्ली मोटर वाहन नियम में एक प्रावधान को चुनौती दी थी जिसके तहत महिलाओं को पीछे बैठने की स्थिति में हेलमेट पहनने से छूट दी जाती है। महानगर की सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, हमारा मानना है कि महिलाओं को भी हेलमेट पहनना चाहिए। लेकिन मुद्दे पर निर्णय करना अदालत पर निर्भर करता है। सामाजिक फिल्म निर्माता उल्हास पी. आर. ने याचिका दाखिल करते हुए महिलाओं को हेलमेट पहनने से छूट देने को चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था कि सभी लोगों के लिए एक समान कानून हो।