दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह सुविधाएं नहीं दी जा सकतीं। अदालत ने कहा कि दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी नियमित कर्मचारियों की तरह ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ के सिद्धांत की पात्रता नहीं रखते। जस्टिस एस मुरलीधरन ने एयर इंडिया की एक याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में उसने सेंट्रल गवर्नमेंट इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल (सीजीआईटी) के उस आदेश को रद्द करने की अपील की थी जिसमें एयर इंडिया के दो दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह समान वेतन देने का निर्देश दिया था। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के कई आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी की नियुक्ति के समय उसकी उम्र, अनुभव, योग्यता आदि पर विचार नहीं किया जाता. इसलिए वह नियमित कर्मचारियों की सुविधाएं पाने का हकदार नहीं है।