भिवानी, जागरण संवाद केंद्र : प्रदेश में शिक्षा का अधिकार लागू होने के बाद पहली बार 24 और 25 सितंबर को हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा होने जा रही है। दो साल के अर्से के बाद घोषित इस परीक्षा के लिए जहां 2008-09 में करीब एक लाख परीक्षार्थियों ने तीनों श्रेणियों में भागीदारी की थी, वहीं इस बार यह संख्या बढ़कर 3 से 4 लाख तक जा सकती है। शिक्षा बोर्ड केवल जिला मुख्यालयों पर उन स्कूलों को परीक्षा केंद्र बना रहा है जो केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीबीएसई से मान्यता प्राप्त हैं। महाविद्यालय के भवनों को भी परीक्षा केंद्र के लिए चुना गया है। कहीं भी सरकारी स्कूल के भवन को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया है। बोर्ड सूत्रों के अनुसार प्रदेश भर में परीक्षा केंद्रों की संख्या 500 का आंकड़ा भी पार कर सकती है। एक परीक्षा केंद्र में केवल 290 परीक्षार्थी ही परीक्षा देंगे। 2009 में व्यवस्था थी कि किसी जिले का परीक्षार्थी एक जिला छोड़कर तीसरे जिले में बैठेगा। हो सकता है इस बार बोर्ड कोई नई रणनीति अपनाए। बोर्ड सूत्रों के अनुसार केंद्रीय पात्रता परीक्षा में करीब 13 लाख परीक्षार्थी बैठे थे, लेकिन परिणाम मात्र 14 प्रतिशत रहने के कारण फेल परीक्षार्थी पात्रता परीक्षा में भाग ले सकते हैं। इसी प्रकार 2009-10 और 2010-11 में करीब एक लाख 20 हजार पास हुए डीएड और बीएड के परीक्षार्थियों के अलावा इस बार स्नातक परीक्षा पास कर बीएड में प्रवेश लेने वाले भावी शिक्षक भी इस पात्रता परीक्षा में बैठ सकेंगे। फार्म जमा कराने की अंतिम तारीख 12 अगस्त है। शिक्षा बोर्ड ने प्रदेश भर में अध्यापक पात्रता परीक्षा से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए शिक्षा बोर्ड मुख्यालय भिवानी में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है।