धर्मेद्र यादव, सिरसा सरकारी व मान्यता प्राप्त स्कूल में अध्यापक की नौकरी के लिए देशभर में पात्रता परीक्षा अनिवार्य कर दिए जाने के बाद एच-टैट (हरियाणा टीचर इलिजिब्लिटी टेस्ट) परीक्षा के पैटर्न की को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है। प्रश्न-पत्र चार हिस्सों में होगा, तीन भाग करीब-करीब समान होंगे। एक हिस्सा अलग होगा। पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले भी अंक सुधार कर सकेंगे। मिली जानकारी के अनुसार, 150 अंक के प्रश्न-पत्र के चार भाग होंगे। पहले तीन भाग 30-30 नंबर के होंगे और चौथा भाग 60 नंबर का होगा। तीनों कैटेगरी यानी पहली से पांचवीं और छठी से आठवीं व लेक्चरर वर्ग के लिए पहले तीन भाग एक समान होंगे। 30 अंक के पहले भाग में बच्चों के विकास से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। दूसरे भाग में हिंदी भाषा और तीसरे में अंग्रेजी भाषा से जुड़े प्रश्नों का जवाब देना होगा। दोनों भागों के नंबर 30-30 होंगे। वर्गो को देखते प्रश्नों के स्तर में भिन्नता होगी। पहली से पांचवीं के अध्यापक बनने के इच्छुक परीक्षार्थियों को सामान्य ज्ञान, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान आदि विषयों पर आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे। इनके अंक होंगे 60। दूसरी कैटेगरी, यानी छठी से आठवीं के अध्यापकों के लिए दो विकल्प रखे गए हैं। पहला, गणित व विज्ञान विषय और दूसरा सामाजिक विज्ञान। इन दोनों में से एक चुनना होगा। चुने गए विषयों में से ही 60 अंकों के प्रश्न पूछे जाएंगे। भाषायी अध्यापक व शारीरिक अध्यापकों को भी इन्हीं विकल्पों से से एक को चुनना पड़ेगा। तीसरी कैटेगरी प्रवक्ता के लिए है। परीक्षार्थी जिस विषय का प्रवक्ता बनना चाहता है, उसे उसी विषय का आप्शन चुनना होगा। चुने गए विषय से परीक्षार्थी को जवाब देने होंगे। पात्रता उत्तीर्ण भी कर सकेंगे अंक सुधार : पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके लोगों को अंक सुधार का मौका मिलेगा। चूंकि, इस बार उत्तीर्ण प्रतिशतता 60 तय की गई है जबकि पहले 50 थी। इस बार परीक्षा के प्राप्तांक के आधार पर भर्ती प्रक्रिया के दौरान अधिभार (वैटेज) देने का भी प्रावधान रखा गया है। जाहिर है, जिसके ज्यादा प्राप्तांक होंगे, उसको उतना ही अधिभार मिलेगा। नई परिस्थितियों में यदि कोई पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाला अंक सुधार करना चाहे तो वह परीक्षा में बैठ सकता है। यही नहीं, बीएड व डीएड की पढ़ाई करने वाले भी पात्रता परीक्षा में बैठ सकते हैं। वर्ष 2008 व 2009 में पात्रता परीक्षा पास कर चुके लोगों के सर्टिफिकेट की वैधता पांच वर्ष रखी गई है। प्रास्पेक्टस के लिए मारामारी आसार : करीब दो साल बाद हो रही पात्रता परीक्षा में इस बार मारामारी के आसार बन रहे हैं। शिक्षा बोर्ड प्रशासन भी यह मानकर चल रहा है कि इस बार परीक्षार्थियों की संख्या दोगुनी हो सकती है। विगत की परीक्षाओं में औसतन डेढ़ लाख विद्यार्थी बैठे थे। चूंकि आरटीई अधिनियम के तहत पूरे देश में अध्यापक बनने के लिए पात्रता परीक्षा पास करना अनिवार्य कर दिया गया है, इसलिए भी यह परीक्षा अध्यापक बनने के लिए जीवन-मरण जैसा सवाल बन गया है। तीज का अवकाश होने के बावजूद पहले दिन ही सिरसा के समन्वय केंद्र पर पहले दिन करीब 1600 प्रॉस्पेक्टस की बिक्री हुई।