Sunday, 12 June 2011

स्वादिष्ट व गुणवत्तापूर्ण होगा मिड डे मील

अरविन्द झा, पानीपत स्कूली बच्चों को गुणवत्तापरक मिड-डे-मील उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने झारखंड का मॉडल अपनाया है। रोहतक मंडल के स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को 7 जून से मिड-डे-मील पकाने के नए तौर तरीकों का प्रशिक्षण प्रोजेक्टर के सहारे दिया जाएगा। प्रोजेक्टर पर जो डीवीडी दिखाई जाएगी उसे मौलिक शिक्षा निदेशालय झारखंड में तैयार कराया गया है। स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के अतिरिक्त ब्लॉक स्तर पर प्रत्येक विद्यालय से एक-एक कुक भी ट्रेनिंग भी शामिल होंगे। रोहतक मंडल के सोनीपत, पानीपत, करनाल, झज्जर व रोहतक में स्वयं सहायता समूहों को 7 जून से प्रशिक्षण दिया जाएगा। पानीपत में 7-12 जून, सोनीपत में 13-21 जून, रोहतक में 22-27 व झज्जर में 28 से 3 जुलाई तक विभिन्न ब्लॉकों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रत्येक ब्लॉक में एसएचजी को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। सामग्री को चुनकर तैयार होगा भोजन : बच्चों के मिड डे मील पकाने के दौरान स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों व कुक को बारीकी से नजर रखनी पड़ेगी। सामग्री को बिना चुने इस्तेमाल की इजाजत नहीं होगी। बच्चों की संख्या के मुताबिक गुणवत्ता युक्त लजीज मेन्यू पकाना अनिवार्य होगा। पकाने से पहले रसोइया को हाथ साबुन से धोना पड़ेगा। खाना पकाने के दौरान रसोइया के लिए एपे्रन (वस्त्र) पहनना अनिवार्य होगा। 20 मिनट पहले तैयार होगा भोजन झारखंड मौलिक शिक्षा निदेशालय के मॉडल के मुताबिक मिड डे मील स्कूलों में मध्याह्न अवकाश से बीस मिनट पहले तैयार कराया जाएगा। विद्यालय के शिक्षक बच्चों के लिए तैयार भोजन को अनिवार्य रूप से चखेंगे। प्रोजेक्टर पर भोजन बनाने के दौरान विशेष सावधानी बरतने की जानकारी दी जाएगी। खुले में भोजन तैयार करने की बिल्कुल मनाही होगी। रसोई में भोजन को ढंक कर पकाना होगा। मेन्यू के अतिरिक्त सलाद तैयार करने की विधि भी बताई जाएगी। पानीपत के खंड शिक्षा अधिकारी गुलाब सिंह हुड्डा का कहना है कि ट्रेनिंग के दौरान साफ-सफाई व अनुशासन रखने की सीख दी जाएगी।
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