Tuesday 14 June 2011

कामर्शियल पायलट लाइसेंस परीक्षा में गोरखधंधा

रजकिशोर मिश्र, नई दिल्ली पायलटों के फर्जी लाइसेंस का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि कामर्शियल पायलट लाइसेंस परीक्षा में गोरखधंधा का मामला सामने आया है। कामर्शियल पायलट लाइसेंस परीक्षा में पायलटों को पास कराने का नेटवर्क चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक इसको डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन के भी कुछ अधिकारियों का सहयोग मिलता है। यह नेटवर्क परीक्षार्थियों से छह से दस लाख रुपये लेता है। इस गोरखधंधे के लिए उपयोग किया गया प्रश्नपत्र दैनिक जागरण के हाथ लगा है। कामर्शियल पायलट लाइसेंस लेने के लिए डीजीसीए द्वारा आयोजित परीक्षा में पांच पेपर होते हैं। इनमें से एक पेपर टेक्नीकल सपोर्ट को छोड़कर अन्य चार के लिए ठेका लिया जाता है। परीक्षा में दिए गए प्रश्नपत्रों पर ही दिए गए वैकल्पिक उत्तर को चिन्हित कर जमा कराना होता है। इनको कोई बाहर नहीं ले जा सकता है, लेकिन ये प्रश्नपत्र बाहर भी आते हैं और इनके वैकल्पिक उत्तरों की सूची परीक्षा केंद्र में तय परीक्षार्थियों तक पहुंचा दी जाती है। यह गोरखधंधा वर्षो से जारी है। दैनिक जागरण के पास वर्ष 2007 में हुई परीक्षा के दो प्रश्नपत्र हैं। 26 अप्रैल, 2007 को साढ़े दस बजे शुरू हुए परीक्षा के दस मिनट बाद प्रश्नपत्र बाहर आ गया था। इस प्रश्नपत्र एवं उत्तर पुस्तिका को ओम कम्यूनिकेशन नाम के किसी टेलीफोन बूथ से फैक्स किया गया। दैनिक जागरण के पास फैक्स किए गए दो प्रश्नपत्र हैं। इनमें एक एविएशन मेटरलॉजी एवं दूसरा एयर रेगुलेशन का पेपर है। सूत्रों की माने तो यह तो एक बानगी है। कमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए होने वाली परीक्षा में वर्षो से बहुत बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। इस नेटवर्क के तार डीजीसीए तक से जुड़े हुए हैं। कैसे होता है गोरखधंधा कामर्शियल पायलट लाइसेंस परीक्षा में परीक्षा केंद्र की मिलीभगत से प्रश्नपत्र बंटते ही यह बाहर आ जाता है। प्रश्नपत्र के सभी पन्ने अलग-अलग कर एक वाहन में विशेषज्ञ इसे हल करने में लग जाते हैं। परीक्षा में प्रश्नपत्र चार से पांच सेट में तैयार किए जाते हैं। यह सेट चार अंकों में होता है। अंतिम के अंक बदले होते हैं। इस प्रश्नपत्र को हल कर उसके वैकल्पिक उत्तर बनाकर सेट का अंतिम अंक देते हुए परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थी तक पहुंचा दिया जाता है। साथ में इसे अन्य केंद्रों के लिए भी फैक्स कर दिया जाता है। छात्र अपने उत्तर पुस्तिका पर अंतिम समय में प्रश्नपत्र वाले सेट के अंक डाल देते हैं। इसके कारण परीक्षा परिणाम में कोई एक सेट के परीक्षार्थी सबसे ज्यादा पास करते हैं। आठ से बीस लाख में सौदा पायलट लाइसेंस के लिए गिरोह द्वारा प्रति परीक्षार्थी आठ से बीस लाख रुपये लिए जाते हैं। कामर्शियल पायलट लाइसेंस परीक्षा में पांच पेपर होते हैं। गिरोह द्वारा अलग-अलग पेपर के लिए अलग-अलग रेट निर्धारित किया जाता है। सूत्रों के अनुसार गिरोह से कई मेट्रो शहर में सीपीएल परीक्षा की तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटर के भी तार जुड़े हैं। डीजीसीए का पक्ष डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन के प्रवक्ता पीके मोहंती का कहना है कि इस संबंध में उनके पास आजतक कोई जानकारी नहीं आई है। वह उड़ीसा में हंै। 20 जून को दिल्ली पहुंचने के बाद मामले की जानकारी लेंगे।
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