पटना, शिक्षा संवाददाता : कहते हैं बुरे काम बुरा नतीजा। ऐसा ही हुआ है उन 15 मुन्ना भाइयों के साथ जिन्होंने जुगाड़ से पटना विवि का फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर देश के सरकारी एवं गैर सरकारी कंपनियों में नौकरी पाने की दहलीज तक पहुंच गये थे। अब मामले का खुलासा होने के बाद उनलोगों पर प्राथमिकी की तैयारी की जा रही है। विवि प्रशासन ने नियोक्ता संस्थानों को इस फर्जीवाड़े की सूचना देने का निर्णय लिया है। पुलिस को भी फर्जी प्रमाणपत्र के धंधे में संलिप्त लोगों पर शिकंजा कसने के लिए तैयारी कर रहा है। दिल्ली, हरियाणा एवं राजस्थान की सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों में नौकरी पाने में सफल करीब 15 छात्रों की शैक्षणिक योग्यता की पुष्टि करने के लिए पटना विवि से संपर्क किया। इन पंद्रह छात्रों ने पटना विवि से बीएससी, बीए एवं बीकाम उत्तीर्ण करने का प्रमाणपत्र दिया था। परीक्षा विभाग में जब छात्रों के प्रमाणपत्र की जांच शुरू हुई तो जांच कार्य में शामिल पदाधिकारियों के होश फाख्ता हो गये, क्योंकि किसी भी छात्र का पटना विवि से दूर- दूर का वास्ता नहीं था। इस मामले पर परीक्षा नियंत्रक डा. डीएन शर्मा ने कहा कि नियोक्ता को फर्जीवाड़ा की जानकारी देकर इन छात्रों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी।