जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब : जिला उपभोक्ता फोरम ने शुक्रवार को दिए अपने एक फैसले में पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (पीटीयू) जालंधर तथा बाबा बंदा सिंह बहादुर इंजीनियरिंग कालेज (बीबीएसबीईसी) फतेहगढ़ साहिब को संयुक्त रूप में एक छात्र के परिणाम को ढाई साल लेट करने पर तीन लाख रुपये का हर्जाना तथा पांच हजार रुपये बतौर खर्च देने को कहा है। लुधियाना के सिविल लाइन निवासी जतिंदर सिंह ने अपने शिकायत में कहा था कि उसने बी-टेक की पढ़ाई के लिए बीबीएसबीईसी फतेहगढ़ साहिब में दाखिला लिया था। उसने पहले, तीसरे से लेकर सातवें सेमेस्टर तक सभी सेमेस्टर पास कर लिए थे, लेकिन दूसरे सेमेस्टर में उसकी रिअपीयर आने पर उसने उसका पेपर दिया था। उसका परिणाम अप्रैल या मई 2008 तक घोषित नहीं किया गया, लेकिन जब उसने अपने परिणाम की देरी के बारे में पता किया तो पता चला उसके खिलाफ नकल करने का केस पुलिस में दर्ज था। जब मामला जांच के बाद उपभोक्ता फोरम में पहुंचा तो जतिंदर को नकल का आरोपी नहीं पाया गया। इसके बाद उसने अपनी बे गुनाही की बात संबंधित अधिकारियों के ध्यान में लाई, फिर भी उसका परिणाम जारी नहीं किया गया। उसने बताया कि उक्त नकल केस में जतिंदर सिंह नाम का कोई दूसरा विद्यार्थी शामिल था। उसके पिता का नाम अलग था। जतिंदर सिंह ने कहा कि विलंब से परिणाम आने के चलते वह किसी अन्य परीक्षा या मुकाबले में शामिल नहीं हो सका। फोरम को दिए अपने जबाव में पीटीयू ने माना कि कुछ छात्रों के खिलाफ नकल का मामला दर्ज हुआ था। उसमें शिकायतकर्ता को निर्दोष माना गया था। इस पर उपभोक्ता फोरम ने बीबीएसबीइसी व पीटीयू को तीन लाख रुपये के हर्जाना का आदेश सुना दिया। वहीं, कालेज तथा पीटीयू के स्टेट उपभोक्ता फोर्म के एडवोकेट अमरजीत सिंह धारणी ने कहा कि वह फैसले के खिलाफ आगे जाएंगे।