Sunday, 29 May 2011

टीईटी के लिए तीन लाख आवदेन

जागरण ब्यूरो, चंडीगढ़ : पंजाब के स्कूल शिक्षा महानिदेशक (डीजीएसई) बी. पुरुषार्था ने बताया कि राज्य में लागू होने जा रही अध्यापक योग्यता परीक्षा (टीईटी) के लिए लगभग तीन लाख आवेदन पहुंच चुके हैं। उन्होंने शुक्रवार को अपने कार्यालय में मीडिया से बातचीत में बताया कि राज्य में एक महीने तक शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने जा रहा है, जिसके तहत प्रत्येक अध्यापक के लिए टीईटी योग्यता अनिवार्य है। यह परीक्षा हर वर्ष होगी, जिसकी अवधि सात वर्ष तक मान्य होगी। जो उम्मीदवार इस परीक्षा को पास नहीं कर पाएगा, वह हर साल बार-बार प्रयास कर सकता है। जो अध्यापक पहले ही नौकरी में है, उसे पांच वर्ष में इस परीक्षा को पास करना होगा। अध्यापक बनने के लिए टीईटी उतना ही जरूरी है जितना लेक्चरर बनने के लिए नेट (राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा) पास होना। उन्होंने यह भी साफ किया कि 1088 ईटीटी अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया भी अब टीईटी शर्त के अधीन होगी। रोचक तथ्य यह है कि सरकारी स्कूलों के अलावा निजी स्कूलों के अध्यापकों के लिए भी टीईटी आवश्यक है। डीजीएसई ने कहा कि पंजाब ने शिक्षा का अधिकार कानून संबंधी नियम बनाने का कार्य लगभग मुकम्मल कर लिया है। प्रयास है कि इसे एक महीने के भीतर लागू कर दिया जाए। इस कानून के कानून लागू होने के उपरांत सरकार की जिम्मेवारी बन जाएगी कि राज्य में 6 से 14 वर्ष के प्रत्येक बच्चे को हर हाल में मुफ्त शिक्षा मुहैया कराई जाए। उन्होंने यह भी बताया कि पहली से आठवीं कक्षा तक एक भी विद्यार्थी को फेल नहीं किया जाएगा, लेकिन कंटीन्यू कम्प्रीहेंसिव इवेलुएशन (सीसीई) के तहत उनके शैक्षणिक, बौद्धिक व स्वास्थ्य स्तर से लेकर समूचे व्यक्तित्व के प्रत्येक पहलू का आंकलन होगा। पुरुषार्था ने कहा कि पिछले चार वर्षो में प्रदेशवासियों का सरकारी स्कूलों की शिक्षा में विश्वास बढ़ा है। नए दाखिले बढ़ रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले इस साल यह वृद्धि दर 5 से 10 फीसदी के बीच रहेगी, जबकि पिछले साल 5.7 फीसदी थी। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा के स्तर से कोई समझौता नहीं होगा।
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