Monday, 21 November 2011

नायब तहसीलदारों की भर्ती का मामला

चंडीगढ़, जागरण संवाददाता : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर हरियाणा सरकार वर्ष 2008 में हुई नायब तहसीलदार की भर्ती का पूरा रिकॉर्ड हाईकोर्ट में पेश करेगी। हाईकोर्ट ने सिलाना (सोनीपत) निवासी सुरेंद्र सिंह की याचिका पर सुनवाई करते यह रिकॉर्ड तलब किया है। सुरेंद्र ने अपनी याचिका में कहा है कि इस भर्ती में जमकर धंाधली हुई है। सुरेंद्र स्वयं उम्मीदवार था लेकिन उसका चयन नहीं हुआ। जब उसने सूचना के अधिकार के तहत लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के अंक की जानकारी मांगी तो चयन एजेंसी ने जो जानकारी मुहैया कराई उस पर शक हुआ। इस पर उसने कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी उत्तर पुस्तिका व चयनित उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिका देखने की मांग की। कोर्ट के बार बार के आदेश पर भी सरकार की तरफ से उत्तरपुस्तिका पेश नहीं की गई। सरकार ने अपनी सफाई में कोर्ट में कहा कि भर्ती का पूरा रिकॉर्ड नष्ट कर दिया गया है। इस पर याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुसार परिणाम घोषित के कम से कम तीन महीने तक रिकार्ड संभाल कर रखना जरूरी है। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कोर्ट में आरोप लगाए कि इस भर्ती में उच्च स्तर पर धांधली हुई है क्यों की इस भर्ती के परिणाम घोषित होने से पहले ही विपक्ष ने एक सूची जारी की थी जो सता पक्ष के लोगो के रिश्तेदारों की थी। याचिकाकर्ता के अनुसार जब भर्ती का परिणाम घोषित किया गया तो विपक्ष द्वारा जारी सूची में से करीब 80 प्रतिशत नाम चयन सूची में शामिल थे। बृहस्पतिवार को मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट में जानकारी दी कि इस भर्ती का रिकॉर्ड अब उसके पास नहीं है, क्योंकि नियमों के तहत पूरा रिकॉर्ड नष्ट कर दिया गया है। सरकारी वकील के जवाब पर असंतोष जताते कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए आदेश दिया कि सरकार हर हालत में सोमवार को इस भर्ती का रिकॉर्ड या रिकॉर्ड नष्ट करने के लिए क्या प्रकिया अपनाई और उसके पूरे दस्तावेज कोर्ट में पेश करे।
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